Kartik Purnima and Dev Deepawali Celebration: साल की सभी पूर्णिमा में कार्तिक पूर्णिमा को काफी श्रेष्‍ठ माना जाता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का पर्व 8 नवंबर को पड़ रहा है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली भी मनाई जाती है. इस दिन को शास्‍त्रों में बेहद शुभ और पुण्‍यदायी माना गया है. लेकिन इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है. इस कारण देव दीपावली का पर्व 8 नवंबर को न मनाकर, 7 नवंबर को मनाया जाएगा. हालांकि जो लोग पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, वे 8 नवंबर को ही व्रत रखेंगे और चंद्र ग्रहण समाप्‍त होने के बाद चंद्र दर्शन व पूजन करेंगे. 

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7 नवंबर को करें दीपदान

इस मामले में ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 7 नवंबर को 07 नवंबर की शाम 04 बजकर 15 मिनट से हो रही है, जिसका समापन 08 नवंबर की शाम 04 बजकर 31 मिनट पर होगा. ऐसे में गोधुलि वेला और प्रदोष काल के दौरान पूर्णिमा तिथि रहेगी, इसलिए 7 नवंबर को दीपदान करना शुभ रहेगा. 

8 नवंबर को करें दान-पुण्‍य

जो लोग पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, इस दिन स्‍नान-दान आदि करते हैं, वे 8 नवंबर को व्रत रखें और सूतक काल लगने से पहले ही सुबह का पूजा-पाठ और स्‍नान आदि संपन्‍न करें.  दान आप पूरे दिन में कभी भी कर सकते हैं. सूतक की शुरुआत 8 नवंबर की सुबह 8 बजकर 29 मिनट से हो जाएगी. आप चाहें तो ग्रहण काल समाप्‍त होने के बाद शाम की पूजा करें. 

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गंगा घाट पर स्‍नान न कर सकें तो

पूर्णिमा तिथि पर अगर आप इतनी सुबह गंगा घाट पर जाकर स्‍नान न कर सकें तो घर में ही नहाने के पानी में गंगा जल मिलाएं और मां गंगा को मन में स्‍मरण करके उनका आवाह्न करें. इसके बार हर-हर गंगे बोलकर स्‍नान करें. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्‍नान करने से शारीरिक और मानसिक समस्‍याओं से मुक्ति मिलती है और तमाम पाप कट जाते हैं. 

दान-पुण्‍य व दीपदान का महत्‍व

कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान और दान-पुण्‍य का विशेष महत्‍व माना गया है. मान्‍यता है कि किए गए किसी भी शुभ कार्य का अक्षय पुण्‍य प्राप्‍त होता है. इस दिन किया गया दीपदान यज्ञ के समान पुण्‍यदायी माना गया है. वहीं इस दिन किया गया गंगा स्‍नान पूरे साल तक गंगा स्नान करने जितना पुण्य देता है.