जब से ज़िन्दगी में COVID आया है साथ में सेहत से जुड़े खूब सारे टेक्निकल टर्म्स लाया है. आज आप किसी बच्चे से पूछ लें की हैंड सैनीटाइज़र क्या होता है, शरीर का SPO2 लेवल कैसे नापते है, या फिर क्या होते है एंटीबायोटिक्स तो शायद 10 में से 8 बच्चे आपको ये बता सकते है. ऐसे ही शरीर की इम्युनिटी के बारे में भी अमूमन हर कोई ज्ञान दे ही देता है. पर क्या सच में आप जानते है शरीर की इम्युनिटी क्या होती है ? जानिए इम्युनिटी के बारे में सब कुछ. 

क्या होती है इम्युनिटी?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इम्युनिटी को सरल भाषा में बताया जाए तो ये हमारे शरीर की आर्मी का काम करती है. शरीर की इम्युनिटी हमे अलग-अलग तरीके के इन्फेक्शन्स से बचाती है. शरीर की इम्युनिटी उन बैक्टीरिया या फिर वायरस से लड़ती है जिनकी वजह से हमे इन्फेक्शन होता है. वो उन वायरस या बैक्टीरिया को हमारे शरीर पर हावी नहीं होने देती. 

इम्युनिटी कितने तरह की होती है?

इम्युनिटी दो तरह की होती है. 

पहली होती है इन्नेट इम्युनिटी, यानी जन्मजात इम्युनिटी. इस तरह की इम्युनिटी बचपन से ही हमारे अंदर होती है. ये हमारे माता पिता के जींस से हमे मिलती है. ये हमारे पैदा होते हीं काम करना शुरू कर देती है. ऐसी इम्युनिटी हमें पैदा होते ही कई सारे इन्फेक्शन से बचाती है.

 

दूसरी होती है अडैप्टिव इम्युनिटी, उम्र के साथ जब शरीर नए-नए इन्फेक्शन, वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में आता है तब इम्युनिटी इनसे लड़ने के नए-नए तरीके सीखती है. इसी को अडैप्टिव इम्युनिटी कहते है. इसमें नए तरीके के इन्फेक्शन्स को जानकार, इम्युनिटी अपने में सुधार लाती है और शरीर को वो बीमारी दुबारा होने से पहले ही बचा लेती है. 

कमज़ोर इम्यून सिस्टम के लक्षण

जिनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है उनका शरीर वायरस या बैक्टीरिया से सही तरीके से लड़ नहीं पता है.उनको बार-बार इन्फेक्शन होता है. खासकर वायरल और फंगल इन्फेक्शन जो आम तौर पर लोगों को जल्दी नहीं होते. ऐसा भी होता है की कमज़ोर इम्यून सिस्टम होने की वजह से कुछ बीमारियां बचपन से ही होती है. जिनका ठीक होना ना के बराबर होता है. 

इम्युनिटी मज़बूत रखने की टिप्स 

नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा बताते है कि इम्युनिटी को मज़बूत रखने के लिए हमे अपने खान पान में हरी सब्जियां और फल लेने चाहिए. आर्टिफिशियल सप्लीमेंट्स लेने से बेहतर है नेचुरल चीज़ों से मिलने वाले मिनरल्स का सेवन करें. साथ ही डेली रूटीन में कसरत, योग या वॉक को भी शामिल करें. पूरी नींद लेना भी काफी ज़रूरी है, 6-8 घंटे की नींद ले. हर छोटी चीज़ के लिए एंटीबायोटिक लेना नुकसानदेह हो सकता है क्योंकि बैड बैक्टीरिया मारने के साथ साथ यह शरीर के गुड बैक्टीरिया भी मार देता है. जिससे की अलग अलग तरीके के इन्फेक्शन होने के चांस बढ़ जाते है. साथ ही एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस भी शुरू हो जाता है. जिनको शुगर है उनको खास ध्यान रखना चाहिए. डायबिटीज इम्यून सिस्टम को खराब करती है. अगर खून में शुगर हाई होती है तो बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन को पनपने में मदद मिलती है.