Holi 2023 Synthetic Chemicals: होली का काउंटडाउन शुरू हो गया है. इस साल होली आठ मार्च को मनाई जाएगी. इससे पहले बाजार गुलाल, गुजिया, पिचकारी और रंगों से सज गए हैं. होली का मजा अपनों का साथ आता है. वहीं, रंगों में इस्तेमाल होने वाला केमिकल होली के रंग में भंग डाल सकता है. मार्केट में कई तरह के सिंथैटिक कलर आते हैं, जो स्किन के साथ-साथ आंखों और किडनी में असर डाल सकते हैं. ऐसे में होली खेलते वक्त विशेष एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है. ऐसे में जानते हैं कि किस रंग में होता है कौन सा केमिकल.   

हो सकती है ये बीमारियां

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होली में सिंथेटिक रंग बीमार कर सकते हैं. इस कारण सिंथेटिक रंग और गुलाल से दूर रहें. हरे सिंथेटिक रंग में कॉपर सल्फेट होता है. इससे आंखों में जलन और इंफेक्शन हो सकता है. लाल रंग में पड़े मरकरी सल्फेट से स्किन कैंसर की समस्या हो सकती है. इसके अलावा मरकरी सल्फेट से लकवे का भी खतरा होता है.  बैंगनी रंग में क्रोमियम आयोडाइड से एलर्जी और अस्थमा की समस्या हो सकती है. सिल्वर रंग में एल्युमिनियम ब्रोमाइड होता है. इससे स्किन कैंसर और लकवे का खतरा होता है. 

किडनी और दिमाग में असर

काले सिंथेटिक रंग में लेड ऑक्साइड होता है. ये किडनी पर असर डालता है. इसके अलावा ये दिमाग पर भी असर डालता है. सिंथेटिक नीले में प्रूशियन ब्लू केमिकल होता है. इससे स्किन में एलर्जी और संक्रमण का भी खतरा होता है. हरे रंग में कॉपर सल्फेट होता है. इससे आंखों में जलन और एलर्जी हो सकती है. यही नहीं, इससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है. गौरतलब है कि बाजार में सिंथैटिक रंग के साथ-साथ हर्बल गुलाल भी उपलब्ध हैं. इनसे स्किन और सेहत को कोई खतरा नहीं होता है. 

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हर्बल रंगों की बात करें तो आप बाजार में कई हर्बल रंग और गुलाल उपलब्ध हैं. हर्बल रंग और गुलाल में मेहंदी के पत्ते, टेंसू के फूल, हल्दी और बेसन का इस्तेमाल  होता है.