Heart Transplant Surgery: दिल वालों कि दिल्ली से एक ऐसा मामला सामने आ रहा है, जहां 15 साल की बच्ची ने दिल देकर 32 साल की महिला की जान बचाई है. दरअसल ताजा मामला दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (ram manohar lohia hospital) का है. कुछ समय पहले 15 साल की एक लड़की की जान रोड एक्सीडेंट में चली गई थी. लेकिन अपने जाने के बाद भी वो 6 लोगों को अंगदान (organs donate) करके बचा गई. बता दें भागलपुर की रहने वाली 32 साल की लक्ष्मी देवी, जिसे हार्ट की जरूरत थी, उसे 15 साल की बच्ची के दिल ने नई ज़िंदगी दी है. ये मामला दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के राम मनोहर लोहिया अस्पताल का है, जहां पहला हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) हुआ है. आइए जानते हैं 15 साल की बच्ची के दिल से जुड़ी कहानी.

15 साल की लड़की ने दिया दिल

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दरअसल भागलपुर की रहने वाली 32 साल की लक्ष्मी देवी को इस 15 साल की बच्ची के दिल ने नई ज़िंदगी दी है. 15 साल की बासु नाम की लड़की का 15 अगस्त को रोड एक्सीडेंट हुआ और उसे चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती करवाया गया. लड़की मूल रूप से बिहार के जिला लखीसराय की है. 20 अगस्त को ब्रेन डेड होने के बाद लड़की को बचाया नहीं जा सका. डॉक्टरों ने उसके बाकी अंगों को वेंटिलेटर पर चलाए रखा. इस बीच परिवार को अंगदान के बारे में समझाया गया. 6 बच्चों के दिहाड़ी मजदूर पिता आखिरकार मान गए. 

6 लोगों को किया Organ डोनेट

इसके बाद 21 अगस्त को नोटो (National Organ transplantation organization) हरकत में आया और अलर्ट जारी किया गया कि दिल, लिवर, कोर्निया, किडनी और पैंक्रियाज़ सुरक्षित किए गए हैं. इसके बाद दिल्ली राम मनोहर लोहिया अस्पताल और एम्स के डॉक्टर्स शाम को ही चंडीगढ़ रवाना हो गए और रात में फ्लाइट से दिल को प्रिज़र्व करके दिल्ली ले आए. रात में करीब 10 30 बजे सर्जरी शुरु हुई जो 3 बजे पूरी की गई. 21 और 22 अगस्त की रात को ही ये ट्रांसप्लांट किया गया.

एम्स के डॉक्टरों ने किया सहयोग

राम मनोहर लोहिया के डॉ के साथ एम्स के डॉक्टरों ने इस सर्जरी में सहयोग किया. महिला फिलहाल आईसीयू में है और डॉक्टरों की देखरेख में है. RMM दिल के ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध कराने वाला दिल्ली का तीसरा सरकारी अस्पताल बन गया है. इससे पहले यह सुविधा एम्स (Aiims delhi) व धौला कुआं स्थित आर्मी अस्पताल (Army Hospital) में थी.