सर्दियों के मौसम में सबके ही हाथ-पैर ठण्डे पड़ जाते है. लेकिन ऐसे बहुत से लोग होते है जिन्हें दूसरों से ज्यादा ठण्ड लगती है. सिर्फ सर्दियों में ही नहीं हर मौसम में उनके हाथ पैर ठण्डे रहते हैं. वो चाहे कितने भी गरम कपड़े पहन लें, उनके पैर कभी गरम नहीं होते. जरुरत से ज्यादा और हर समय ठण्ड महसूस होने के कई कारण होते हैं. आइए जानते है उनमे से कुछ.

शरीर में आयरन की कमी

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आयरन (Iron) खून (Blood) का एक अहम हिस्सा होता है. आयरन की मदद से रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) शरीर में हर जगह ऑक्सीजन (Oxygen) पहुंचाता है. साथ ही आयरन ये भी चेक करता है कि हर रेड ब्लड सेल ठीक से काम कर रहा है या नहीं. अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाएं, तो रेड ब्लड सेल्स पुरे शरीर में ऑक्सीजन नहीं पंहुचा पाती हैं. जिसकी वजह से व्यक्ति को कमजोरी महसूस होती है और ठण्ड ज्यादा लगती है.

आयरन की कमी शरीर में दो तरीके से असर डालती है. पहला, शरीर में आयरन की कमी होने पर थाइरोइड ग्लैंड (Thyroid Gland) पर असर पड़ता है और इस वजह से शरीर पर्याप्त मात्रा में हीट नहीं बना पता है. साथ ही साथ आयरन की कमी खून के सर्कुलेशन (Blood Circulation) को भी प्रभावित करती है.

जब खून में पर्याप्त आयरन नहीं होता है तब रेड ब्लड सेल्स के लिए ऑक्सीजन को पुरे शरीर में पहुंचना बहुत मुश्किल होता है. ऐसी सिचुएशन में शरीर के अंदर की गर्मी खत्म होने लगती है क्योंकि गरम खून का ज्यादातर प्रवाह त्वचा की सतह के पास होने लगता है. ऐसे में जरुरी है कि अपनी डाइट में आयरन से भरपूर चीज़ों (Iron Rich Food) का सेवन किया जाएं, जैसे की मीट, अंडे, हरी पत्ते वाली सब्जियां.

शरीर में विटामिन बी12 की कमी

शरीर में बी12 की कमी होने से भी ठण्ड ज्यादा महसूस होती है. आयरन की तरह विटामिन बी12 भी रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व हैं. विटामिन बी12 की कमी की वजह से व्यक्ति को अक्सर चक्कर भी आते हैं.

नींद का पूरा ना होना

जब किसी व्यक्ति की नींद पूरी नहीं हुई होती है, तो उस इंसान का बॉडी टेम्परेचर (Body Temperature) कम रहता है. नींद हमारे दिमाग के लिए बहुत ज़रूरी होती है, और जब नींद पूरी नहीं होती है तब हमारे नर्वस सिस्टम (Nervous System) में रेगुलेटरी मैकेनिज्म (Regulatory Mechanism) इफ़ेक्ट होता है, जिससे की शरीर की गर्मी कंट्रोल होती है. इस वजह से हमे ठण्ड ज़्यादा लगती है.

ज़रूरत से ज्यादा पतला होना

जिन लोगों का BMI 18.5 या उससे काम होता है, ऐसे लोगों को दूसरों से ज्यादा ठण्ड का एहसास होता है. कम वजन वाले लोगों में मसल मास (Muscle Mass) बहुत कम होता है. मसल मास शरीर के तापमान को मेनटेन रखने में मदद करता है. साथ ही मेटाबोलिज्म रेट (Metabolism Rate) को बढ़ाता है और ये शरीर में हीट पैदा करने के लिए जरुरी माना जाता है. मसल मास शरीर में 25% तक नेचुरल हीट (Natural Heat) प्रोडयुस करता हैं. जितनी ज्यादा आपके शरीर में मसल होते है, उतनी ज्यादा शरीर में गर्मी पैदा होती है. 

जेंडर से भी पड़ता है फर्क

माना जाता है कि महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा ठण्ड लगती है. इसका मुख्य कारण होता है हॉर्मोन एस्ट्रोजन (Estrogen). शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल ज्यादा होने से ठण्ड ज्यादा लगती है. और महिलाओं में  पुरुषों से ज्यादा एस्ट्रोजन होता हैं.

डिहाइड्रेशन

जब शरीर में डिहाइड्रेशन (Dehydration) हो जाती है तब शरीर, तापमान में होने वाले बदलावों की वजह से काफी ज्यादा सेंसिटिव (Sensitive) हो जाती है. पानी की कमी की वजह से शरीर के मेटाबोलिज्म की रेट काफी कम हो जाती है. उस वजह से शरीर का टेम्परेचर भी कम हो जाता है.

एंग्जाइटी

जिन लोगो को एंग्जाइटी (Anxiety) ज्यादा होती है, उन्हें ठण्ड भी ज्यादा लगती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हम परेशान होते है तब हमारे दिमाग का एक हिस्सा Amygdala एक्टिव हो जाता है. ये वो हिस्सा होता है जो शरीर की रक्षा करने और खतरे के जवाब देने के लिए जिम्मेदार होता है. Amygdala हमारे शरीर को सुरक्षित रखने के लिए रिज़र्व एनर्जी (Reserve Energy) का इस्तेमाल करती है. इस समय आपका शरीर आपको शांत करने पर फोकस करता है और शरीर को गरम रखने के लिए पर्याप्त ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) नहीं हो पाता हैं. इस वजह से ठण्ड ज्यादा लगती है.

 

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