सोने से तीन घंटे पहले धीमी कर दें लाइट, स्मार्टफोन, लैपटॉप से बना लें दूरी, प्रेग्नेंसी में नहीं होगा डायबिटीज का खतरा
Gestational Diabetes in Pregnancy: प्रेग्नेंसी में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा काफी ज्यादा अधिक होता है. ताजा स्टडी के मुताबिक सोने से तीन घंटे पहले आस-पास की लाइट्स को धीमा करने या बंद करने से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है.
प्रेग्नेंसी में कई बार महिलाएं डायबिटीज से पीड़ित हो जाती हैं. इसे जेस्टेशनल डायबिटीज भी कहा जाता है. इसका बड़ा कारण गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल चेंज हैं. इससे ब्लड शुगर बढ़ जाता है. जेस्टेशन डायबिटीज का असर कई बार गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है और प्रेग्नेंसी में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. अब एक नई स्टडी में साइंटिस्ट्स ने दाना किया है कि यदि प्रेग्नेंट महिलाएं सोने से तीन घंटा पहले घर की रोशनी को कम कर दें तो जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है.
स्मार्टफोन या कंप्यूटर स्क्रीन की लाइट से भी खतरा
अमेरिका की नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन डिपार्टमेंट की स्टडी के मुताबिक प्रेग्नेंट महिलाएं, जो सोने से तीन घंटे से पहले तक आर्टिफिशियल लाइट्स के संपर्क में आती है उन्हें जेस्टेशनल डायबिटीज का ज्यादा खतरा होता है. स्टडी के लेखक और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर मिनजी किम के मुताबिक स्मार्टफोन के स्क्रीन या फिर कंप्यूटर के मॉनिटर से आने वाली लाइट्स का एक्सपोजर प्रेग्नेंट महिलाओं में होने वाली डायबिटीज का जोखिम कारक हो सकता है.
हो सकती हैं ये बीमारियां
स्टडी के मुताबिक इस बात के कई सबूत मिले हैं कि बेडटाइम से पहले लाइट के संपर्क में आने से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बिगड़ सकती है. जो वयस्क प्रेग्नेंट नहीं भी है उनमें भी ये दिक्कत आ सकती है. किम के मुताबिक, 'ये बेहद ही चिंताजनक है. जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण प्रसूति संबंधित जटिलताएं आती है. इससे मां को डायबिटीज, दिल की बीमारी और पागलपन जैसी दिक्कतें आ सकती है. इसके अलावा बच्चे को भी आगे चलकर मोटापे और हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है.'
TRENDING NOW
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
बरतें ये सावधानियां
किम के मुताबिक, 'सोने से तीन घंटे पहले आपके आस-पास कोई भी लाइट जल रही है उसे बंद या फिर धीमा करने की कोशिश करें. अपने कंप्यूटर या फोन का इस दौरान इस्तेमाल न करें. अगर आप इस्तेमाल कर रहे तो इसकी स्क्रीन ब्राइटनेस को जितना हो सके कम कर दें.' जिन महिलाओं को पहली प्रेग्नेंसी में जेस्टेशनल डायबिटीज होती है, अगली प्रेग्नेंसी में भी इसका खतरा ज्यादा होता है. सोने से पहले अधिक रोशनी के संपर्क में आने से हृदय गति बढ़ जाती है और इससे मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध, रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है.'
03:46 PM IST