Delhi Air Pollution: दिल और सांस की समस्याओं के साथ लंग कैंसर का रिस्क बढ़ा रही है दमघोंटू हवा, इस तरह करें बचाव
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट कहती है कि हवा में घुलता जहर लोगों के शरीर के तमाम हिस्सों पर बुरा असर छोड़ता है. वहीं विशेषज्ञ की मानें तो ये दमघोंटू हवा सभी के लिए काफी हानिकारक है.
देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की स्थिति लगातार खराब बनी हुई है. आसमान में धुंध की लेयर छाई हुई है. हवा में PM2.5 लेवल बढ़ने से लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश आदि तमाम समस्याएं हो रही हैं. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट कहती है कि हवा में घुलता जहर लोगों के शरीर के तमाम हिस्सों पर बुरा असर छोड़ता है. वहीं विशेषज्ञ की मानें तो ये दमघोंटू हवा सभी के लिए काफी हानिकारक है. लेकिन सांस के रोगियों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को इस स्थिति में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है.
फेफड़ों के कैंसर का रिस्क बढ़ाते हैं PM2.5
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक PM2.5 बेहद बारीक कण होते हैं. ये आपकी सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और खून में मिल जाते हैं. शरीर में खून के प्रवाह के साथ ये बारीक कण भी तमाम हिस्सों में पहुंचते हैं. इसके कारण दिल और सांस से जुड़ी समस्याओं के साथ फेफड़ों के कैंसर का रिस्क भी बढ़ता है. इतना ही नहीं हवा में मौजूद नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड अस्थमा और फेफड़ों में सूजन की समस्या को बढ़ाने और फेफड़ों के काम करने की क्षमता को घटाने की वजह बन सकते हैं.
जानिए कितनी हानिकारक है ये जहरीली हवा
इस मामले में आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा का कहना है कि ये जहरीली हवा सिर्फ फेफड़ों को ही डैमेज नहीं कर रही, बल्कि दिमाग और दिल के लिए भी हानिकारक है. जो लोग हार्ट के मरीज हैं या बीपी के मरीज हैं उनको इस दमघोंटू माहौल में बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. इसका कारण है कि प्रदूषण के ये बारीक कण जब ज्यादा मात्रा में शरीर में पहुंच जाते हैं तो खून में मिलकर फ्लो को घटाते हैं. इससे बीपी हाई होने का रिस्क बढ़ता है, साथ ही हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ता है. इतना ही नहीं गर्भवती महिलाओं के लिए भी ये काफी हानिकारक हैं क्योंकि ये उनके बच्चों के दिमाग, फेफड़ों और अन्य अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है. वहीं छोटे बच्चों और बुजुर्गों की इम्युनिटी तो पहले से कमजोर ही होती है, ऐसे में उन्हें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है.
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कैसे करें बचाव
- एयर पॉल्यूशन से बचने के लिए N95 मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें. घर में संभव हो तो एयर प्यूरीफायर लगवाएं.
- घर के गमलों में पीपल, मनीप्लांट, तुलसी आदि तमाम पौधे लगाएं ताकि आपके आसपास की हवा शुद्ध रहे.
- सुबह की सैर पर जाने से बचें. जब भी घर से बाहर निकलना हो तो शरीर को अच्छे से कवर करके ही बाहर जाएं.
- बाहर निकलते समय आंखों में चश्मा पहनें. जब भी बाहर से आएं तो हाथ-मुंह को अच्छे से धोने के बाद अपनी आंखों को ठंडे और साफ पानी से क्लीन करें.
- शरीर में पानी की कमी न होने दें. दिनभर में भरपूर पानी पीएं ताकि पानी के जरिए आपका शरीर डिटॉक्सीफाई होता रहे.
- योग और एक्सरसाइज घर में रहकर ही करें. खाने में हरी सब्जियां और जूसी चीजें लें. लेकिन इन्हें भी बनाने से पहले अच्छे से धोएं. बाहरी चीजों को खाने से परहेज करें.
- अस्थमा, सांस, हार्ट के मरीज, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे घर से बाहर निकलने से बचें. अगर निकल भी रहे हैं तो शरीर को पूरी तरह से कवर रखें और अपनी दवाएं व इन्हेलर साथ जरूर रखें.