आज बिगड़ती जीवनशैली ने इंसान के शरीर पर कई तरह से असर डाला है. मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ने का भी एक बड़ा कारण खराब रूटीन है. टेक्नोलॉजी की बढ़ते यूज ने इंसान को वैसे भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर निर्भर कर दिया है. इंसान अब अपनी मेमोरी से ज्यादा टेक्निकल डिवाइस पर निर्भर करता है. इंसान के रोजमर्रा के रूटीन में कई ऐसी आदतें होती हैं जो उसके शरीर पर बुरा असर डालती हैं. और कई तरह की बीमारियों का कारण भी बनती हैं. आइये जानते हैं उन आदतों के बारे में जिनके चलते दिमाग से जुड़ी बीमारी अल्जाइमर रोग पनप सकता है. 

स्क्रीन टाइम का बढ़ना-

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जैसे जैसे आप टेक्नोलॉजी पर डिपेंड होते जाएंगे आपका दिमाग खुद याद रखने की ताकत खोता चला जाएगा. इतना ही नहीं बहुत अधिक स्क्रीन टाइम होने से इंसान की नींद पर सबसे ज्यादा असर देखने के लिए मिलता है. नींद कम होते ही ब्रेन को रेस्ट करने का समय नहीं मिलता और मैमोरी लॉस होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

डिहाइड्रेशन-

आमतौर पर इंसान को 7-8 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है. लेकिन कई बार देखने में आता है कि कम पानी पीने की आदत के चलते लोग कई घंटों तक लगातार पानी नहीं पीते जिस कारण शरीर में डिहाइड्रेशन होने लग जाता है. ऐसा होते ही ब्रेन में अल्जाइमर की बीमारी भी डेवलप होने लग जाती है.

शराब-स्मोक/ अन-हेल्दी खाना –

शराब का हद से ज्यादा सेवन दिमाग पर को नुकसान पहुंचाता है. इतना ही नहीं आजकल युवाओं में drugs जैसे हानिकारक सप्लिमेंट का सेवन भी बढ़ता जा रहा है. ये सप्लिमेंट दिमाग में हॉर्मोनल बैलेंस बिगाड़ते हैं. और इसी तरह धीरे-धीरे इंसान सोचने समझने की शक्ति भी खोने लग जाता है.

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सोशल न होना-

कई लोग व्यायाम और बाकि फिजिकल एक्सरसाइज नहीं करते. जिसका सीधा असर दिमाग की एक्टिविटी पर भी देखने के लिए मिलता है. घर से बाहर निकलना, वॉक करना योग करना शरीर और दिमाग दोनों में चुस्ती-फुर्ती रखता  है. ऐसा देखा जाता है कि बात-चीत करने और फिजिकल एक्सरसाइज करने पर ब्रेन में हॉर्मोन डोपामाइन रिलीज होता है, जो कि एक हैप्पी हॉर्मोन है. खुश रहने का एहसास दिमाग को स्वस्थ रखता है.