Corona Update: भारत से ज्यादा इन देशों में हैं कोरोना JN.1 के मामले, जानिए देश में क्या हैं हालात
कोरोना के साथ-साथ इसका नया सब वैरिएंट JN.1 भी तेजी से अपने पैर पसार रहा है. अब तक ये भारत समेत 51 देशों में पैर पसार चुका है. हालांकि भारत से ज्यादा इसके मामले कई अन्य देशों में हैं.
देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसी बीच कोरोना वायरस का नया सब वैरिएंट JN.1 भी दुनियाभर में तेजी से पैर पसार रहा है. अब तक ये भारत समेत 51 देशों में फैल चुका है. WHO के अनुसार, जेएन.1 सब-वैरिएंट के सबसे ज्यादा मामले फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, ब्रिटेन और स्वीडन में हैं. हालांकि भारत में भी अब ये तेजी से बढ़ रहा है. फिलहाल देश भर में जेएन.1 के मरीजों की संख्या 109 हो चुकी है.
भारत में अब तक इसके मामले गुजरात में 36, कर्नाटक में 34, गोवा में 14, महाराष्ट्र में नौ, केरल में छह, राजस्थान और तमिलनाडु में चार-चार और तेलंगाना में दो मामले सामने आए हैं. बता दें कि कोरोना का सब वैरिएंट JN.1 ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब-वैरिएंट BA.2.86 से बना है. 2022 की शुरुआत में BA.2.86 ही दुनियाभर में कोरोना के मामलों को तेजी से बढ़ाने का कारण बना था. जेएन.1 को भी काफी तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है.
कहां मिला था इसका पहला मामला?
जेएन.1 सब-वैरिएंट का दुनिया में सबसे पहला मामला 17 अगस्त 2023 को यूरोप के लग्जमबर्ग में सामने आया था. अब ये 41 देशों में अपने पैर फैला चुका है. भारत की बात करें तो यहां सबसे पहले केरल में जेएन.1 से संक्रमित मरीज मिला था. ओमिक्रॉन के BA.2.86 'पिरोला' सब-वैरिएंट से बने जेएन.1 वैरिएंट को यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने यूएस में सबसे तेजी से बढ़ने वाला वैरिएंट बताया है. कहा जा रहा है कि ये इम्यूनिटी को भी चकमा देने में सक्षम है.
जानिए क्या हैं Corona JN.1 के लक्षण
- बुखार
- थकान
- नाक बहना
- गले में खराश
- सिरदर्द
- खांसी
- कंजेशन
- पेट दर्द
- उल्टी और दस्त
- मसल्स वीकनेस
इम्यूनिटी को चैलेंज कर रहा है जेएन.1
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की डॉ. सोनिया रावत (Senior Consultant and Director Preventive Health and Wellness) का कहना है कि कोरोना का नया वैरिएंट JN.1 संक्रामक होने के साथ इम्युनिटी को चैलेंज कर रहा है, तभी कोरोना वैक्सीन के बाद भी ये शरीर पर अटैक कर रहा है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं वैक्सीन असरकारी नहीं है. वैक्सीन जेएन.1 वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह सक्षम है. इसलिए इस वैरिएंट से बहुत घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है. साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने की जरूरत है.