कोरोनावायरस के शिकार हुए आधे मरीज अभी भी हैं बीमार, घबराइए नहीं आप अकेले नहीं हैं, पढ़िए पूरी डीटेल्स
स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि हर 20 में से एक मरीज का कहना है कि वो अभी तक पूरी तरह रिकवर नहीं हुए हैं, जबकि हर 10 में से 4 मरीजों को लगता है कि उन्हें कोरोनावायरस के बाद पूरी तरह रिकवर होने और फिट होने में महीनों लग गए. ये स्टडी हाल ही में जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में छपी है.
क्या आपको लगता है कि कोरोनावायरस ने आपको बीमार कर दिया है? क्या आप भी कोरोनावायरस के बाद खुद को फिट महसूस नहीं करते? हो सकता है कि ये आपका वहम ना हो, क्योंकि हाल ही में आई एक रिसर्च ने ये साबित किया है कि दुनिया भर में कोरोनावायरस के शिकार हुए मरीजों में से आधे लोग अभी भी बीमार हैं. किसी को एक तो किसी को ज्यादा हेल्थ समस्याओं ने जकड़ लिया है.
अचानक बढ़ी समस्याओं से घबराएं नहीं
अचानक हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ गए हैं? फोकस करने में इतनी परेशानी क्यों हो रही है? इन सब सवालों का जवाब इस रिसर्च से सामने आ गया है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इन परेशानियों का हल नहीं है. आज हम आपको विस्तार से ये बताएंगे कि आप बीमार क्यों महसूस करते हैं और आपकी बीमारी का हल क्या हो सकता है...
स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि हर 20 में से एक मरीज का कहना है कि वो अभी तक पूरी तरह रिकवर नहीं हुए हैं, जबकि हर 10 में से 4 मरीजों को लगता है कि उन्हें कोरोनावायरस के बाद पूरी तरह रिकवर होने और फिट होने में महीनों लग गए. ये स्टडी हाल ही में जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में छपी है.
हजारों लोगों पर हुई स्टडी
स्टडी में कोरोनावायरस का शिकार हुए लोगों की तुलना ऐसे लोगों से की गई जिन्हें कभी कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ था. स्टडी में 33 हजार ऐसे लोग शामिल हुए जिन्हें अप्रैल 2020 में कोरोनावायरस का इंफेक्शन हुआ था और 63 हजार ऐसे लोग थे जिन्हें कभी कोरोना नहीं हुआ. जिन्हें कोरोना हो चुका था उनमें से 6% का तो यहां तक मानना था कि वो रिकवर हुए ही नहीं हैं. 11% ने कहा कि उनके लक्षण थोड़े ठीक हुए हैं. 11% के मुताबिक उनकी सेहत पहले से खराब हुई है, जबकि 42% का मानना था कि वो आधे ही रिकवर हुए हैं.
जिन्हें कोरोनावायरस हुआ था उनमें से ज्यादातर लोगों में कुछ लक्षण अभी भी कॉमन थे. जैसे-
- सांस फूलना
- घबराहट
- फोकस करने में मुश्किल
कोरोना से रिकवरी के बाद भी लक्षण
कई मरीजों को कोरोना से रिकवर हुए 6 महीने हो चुके थे तो कई को तो 18 महीने यानी की डेढ साल हो चुका था. इन लक्षणों के अलावा कई लोगों को दिल की बीमारी के लक्षण, मांसपेशियों में दर्द, मानसिक परेशानी और ब्रेन फॉग की परेशानी भी थी.
हालांकि , स्टडी में सामने आया है कि जिन लोगों को कोरोनावायरस की बीमारी के दौरान कोई खास परेशानी नहीं हुई और कोई विशेष लक्षण नहीं आए. उन्हें बाद में भी कोई खास दिक्कत नहीं हुई. जिन लोगों को कोरोनावायरस की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था या जिनकी बीमारी गंभीर हुई उन्हें लंबे समय तक दिक्कतें बनी हुई हैं.
लोग अभी भी काट रहे अस्पतालों के चक्कर
रिसर्च के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि Long Covid दिल और ब्रेन को ही नहीं प्रभावित नहीं करता. बल्कि ये एक मल्टी सिस्टम डिसऑर्डर है. यानी शरीर के कई हिस्सों पर Long Covid का बुरा असर पड़ रहा है. दिल्ली के मैक्स अस्पताल के डॉ विवेक नांगिया के मुताबिक जो लोग अस्पताल में भर्ती हुए थे. जिन्हें ऑक्सीजन की जरुरत पड़ी या आईसीयू में भर्ती होना पड़ा. वो लोग अभी तक अस्पतालों के चक्कर ही काट रहे हैं.
2 साल बाद भी कोरोना के लक्षण मिले
मेडिकल जर्नल लांसेट में छपी चीन के वैज्ञानिकों की एक स्टडी छपी थी. ये स्टडी कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती हुए मरीजो पर की गई थी. स्टडी में सामने आया कि आधे से ज्यादा मरीज जो कोविड के कारण गम्भीर रूप से बीमार हुए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने की नौबत आई थी. उन्हें दो साल बाद भी कोरोना का कम से कम एक लक्षण परेशान कर रहा है.
वैज्ञानिकों ने कोरोना के गंभीर संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती हुए 1,192 मरीजों के डेटा की स्टडी की. इसमें वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना के गम्भीर संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए 55 फीसदी मरीजो में संक्रमण के दो साल बाद तक कोई न कोई समस्या बनी हुई थी. 68 फीसदी लोग ठीक होने के छह महीने बाद तक कोरोना के कम से एक लक्षण को झेल रहे थे. वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में पाया कि long covid की वजह से थकान और मांसपेशियों में कमजोरी से ठीक हुए मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित थे.
कई बीमारियों से परेशान हैं मरीज
52% मरीजो में यह दिक्कत छह महीने, वहीं 30 फीसदी लोगों में यह दिक्कत दो साल तक बनी रही. मानसिक बीमारी जैसे anxiety और डिप्रेशन से 23% मरीज 6 महीने तक परेशान रहे, 12% मरीजों को मानसिक बीमारी ठीक होने के 2 साल के बाद भी रही.
थकान, सांस फूलना और काम में फोकस ना कर पाना. इन परेशानियों के दोषी पूरी तरह से आप नहीं हैं. कोरोनावायरस के साइड इफेक्टस आपके साथ ही रह गए हैं। कोविड की दूसरी लहर में संक्रमित हुए 60 साल के रामेश्वर गुप्ता और 55 साल की किरन गुप्ता को कोरोना से रिकवर हुए डेढ साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन आज भी ये बीमार ही महसूस करते हैं.
डाक्टरों के पास अभी भी आ रहे लोग
डॉक्टरों की माने तो उनके पास अब कोरोना के मरीजो से ज्यादा LONG-COVID से परेशान मरीज ज्यादा आ रहे है. LONG COVID से ठीक होने के लिए दवा के साथ-साथ व्यायाम भी जरूरी है. अगर कोई व्यक्ति रोजाना 60 मिनट व्यायाम करता है या फिर योगा करता है, तो वो जल्द ही LONG-COVID से छुटकारा पा सकता है. फेलिक्स अस्पताल में कई कोरोनावायरस मरीजों का इलाज कर चुके डॉ डी के गुप्ता कुछ अहम सलाह दे रहे हैं
लॉन्ग कोविड से परेशान मरीजों के लिए सलाह
- अगर आप भी कोविड से ठीक हो चुके हैं लेकिन बीमार महसूस करते हैं तो आपको भी ये टिप्स आजमाने चाहिए.
- अगर आपको पहले से ब्लड क्लॉट्स की परेशानी है, तो कोरोनावायरस इस हालत को और खराब करता है. इसलिए थोड़ा भी शक होने पर दिल का चेकअप करवाते रहें.
- हफ्ते में 5 दिन कम से कम 30 मिनट तक कोई भी एक्सरसाइज़ करें. कुछ नहीं कर सकते तो सैर करें. खुद को थकाएं नहीं लेकिन नियमित व्यायाम करें.
- ऐसा खाना खाएं जिसमें विटामिन सी, डी, बी 12, जिंक और प्रोटीन हों. ये आपके शरीर को तेजी से ठीक करने में मदद करेंगे, साथ ही मेटाबॉलिज्म को भी ठीक करेंगे.