Copper Vessel Water Rules: तांबे के बर्तन में पीते हैं पानी तो न करें ये गलती, वरना सारी मेहनत पर फिर जाएगा पानी
तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर की तमाम अशुद्धियों को दूर करने की क्षमता रखता है. लेकिन इस पानी के लिए आयुर्वेद में कुछ नियम बताए गए हैं. इसके फायदे लेने के लिए नियमों का पालन करना जरूरी है.
तांबे के बर्तन में बहुत से लोग पानी पीते हैं. कहा जाता है कि ये शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा की मानें तो तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर की तमाम अशुद्धियों को दूर करने की क्षमता रखता है. लेकिन इस पानी के लिए आयुर्वेद में कुछ नियम बताए गए हैं. लोग तांबे के बर्तन में पानी तो पीते हैं, लेकिन इन नियमों से वाकिफ नहीं होते, इसलिए उन्हें इसका पूरा फायदा नहीं मिल पाता. यहां जानिए तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे और इससे जुड़े नियम.
जानिए शरीर को मिलते क्या फायदे
- तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बनाने में मददगार माना जाता है. आयुर्वेद के अनुसार शरीर में किसी भी तरह के रोग की वजह वात, पित्त और कफ का असंतुलन ही माना गया है. ऐसे में तांबे का पानी कई तरह की समस्याओं से बचाने में मददगार माना जाता है.
- इसके अलावा इस पानी को पेट की समस्याओं को दूर करने वाला माना जाता है. ये पेट की आंतों में जमा गंदगी को भी साफ कर देता है और गैस, एसिडिटी आदि समस्या से छुटकारा दिलाता है.
- तांबा रक्त शुद्धि का काम करता है. इस पानी को पीने से स्किन से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है. .
- तांबे के पानी में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो आर्थराइटिस की समस्या से बचाते हैं.
- इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते हैं, जो इस घातक रोग से बचाव करने में मददगार माने जाते हैं.
कैसे पीना चाहिए ये पानी
वैसे तो तांबे के बर्तन में रखा पानी कभी भी पीया जा सकता है, लेकिन सुबह के समय खाली पेट इसे पीने के फायदे कहीं ज्यादा होते हैं. सुबह के समय इसे घूंट-घूंट करके पीना चाहिए. इसके फायदे लेने के लिए ये जरूरी है कि पानी को कम से कम बर्तन में 5 से 7 घंटे तक रखा जाए, ताकि तांबे के गुण पानी में आ जाएं. इसलिए रात में सोते समय ही तांबे का बर्तन साफ करके उसमें पानी भरकर रख दें और सुबह उठते ही खाली पेट इस पानी को घूंट-घूंट करके पीएं. इससे आपको काफी फायदा मिलेगा.
ये एक गलती मेहनत पर फेर देगी पानी
डॉ. रमाकांत के मुताबिक तांबे का बर्तन में रखा पानी चार्ज्ड वॉटर कहलाता है. इसे पीने के लिए कम से कम इसे 5 से 7 घंटे तक बर्तन में रखना जरूरी है, ताकि तांबे के गुण पानी में आ सकें. लेकिन अगर आप इस बर्तन को जमीन पर रख देते हैं, तो आपकी मेहनत बेकार हो जाएगी. दरअसल इस बर्तन को जमीन पर रखने से पानी में तांबे के गुणों का पूर्ण रूप से अवशोषण नहीं हो पाता, गुरूत्वाकर्षण के कारण तांबे के गुण जमीन में अवशोषित हो जाते हैं. ऐसे में आपको तांबे के पानी के सारे फायदे नहीं मिल पाएंगे. जब भी पानी तांबे के बर्तन में रखें तो उस बर्तन को लकड़ी के पाटे या मेज पर रखें.
इन बीमारियों से ग्रसित लोग न पीएं ये पानी
- जो लोग एसिडिटी के मरीज हैं, वे कभी इस पानी को न पीएं, वरना परेशानी बढ़ जाएगी क्योंकि चार्ज होने के बाद तांबे के पानी की तासीर गर्म हो जाती है.
- अगर पेट में अल्सर वगैरह की शिकायत है, तो भी इस पानी को पीने से परहेज करें.
- यदि किडनी या हार्ट के मरीज हैं तो इस पानी को पीने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
- पानी के अलावा तांबे के बर्तन में कोई अन्य चीज जैसे दूध, खट्टी चीजें आदि डालकर खाने की भूल न करें. इससे फूड पॉयजनिंग हो सकती है.