मच्छरों से फैलने वाली ये बीमारी इंसानों में बढ़ा रही मौत का खतरा, ठीक होने के बाद भी कॉम्प्लीकेशंस का रहता है रिस्क
एक रिसर्च में सामने आया है कि CHIKV से संक्रमित लोगों में इंफेक्शन के तीन महीने बाद तक हार्ट और किडनी के कॉम्प्लीकेशंस का रिस्क बना रहता है और ये कॉम्प्लीकेशंस ही मौत के खतरे को बढ़ाते हैं. यह वायरस एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों से फैलता है.
मच्छरों से फैलने वाली बीमारी चिकनगुनिया इंसानों के लिए मौत का खतरा बढ़ा रही है. ये बात एक रिसर्च में सामने आई है. द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित नए शोध में खुलासा हुआ है कि चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) से संक्रमित लोगों में इंफेक्शन के तीन महीने बाद तक हार्ट और किडनी के कॉम्प्लीकेशंस का रिस्क बना रहता है और ये कॉम्प्लीकेशंस ही मौत के खतरे को बढ़ाते हैं. बता दें कि चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो मच्छरों से इंसानों में फैलती है.
आमतौर पर यह वायरस एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों से फैलता है, जिन्हें येलो फीवर और टाइगर मच्छर के रूप में जाना जाता है. लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (LSHTM) के शोधकर्ताओं सहित अध्ययन टीम ने 100 मिलियन ब्राजीलियाई समूह के डेटा का इस्तेमाल करके करीब 1 लाख 50 हजार चिकनगुनिया संक्रमणों का विश्लेषण किया. रिजल्ट से पता चलता है कि वायरस से संक्रमित लोगों में संक्रमण की अवधि समाप्त होने के बाद भी जटिलताओं का खतरा रहता है, जो आमतौर पर लक्षण शुरू होने के बाद 14 दिनों तक रहता है.
परिणामों में पाया गया कि पहले सप्ताह में, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में न आने वाले व्यक्तियों की तुलना में मौत की संभावना आठ गुना अधिक थी. संक्रमण के तीन महीने बाद कॉम्प्लीकेशंस के चलते मौत की आशंका दोगुनी थी. टीम ने पाया कि इस्केमिक हृदय रोग और गुर्दे की बीमारियों जैसी हृदय संबंधी स्थितियों के कारण मरीजों में मृत्यु का खतरा बढ़ गया.
जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और मानव गतिशीलता में वृद्धि के कारण एडीज जनित बीमारियों की फ्रीक्वेंसी और स्थान में वृद्धि होने का अनुमान है. ऐसे में, चिकनगुनिया रोग को अब सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बढ़ते खतरे के रूप में देखा जा रहा है. एलएसएचटीएम में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एनी दा पैक्साओ क्रूज ने कहा, कि चिकनगुनिया संक्रमण बढ़ने की आशंका के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य सेवाएं उन जोखिमों पर विचार करें जो संक्रमण का तीव्र चरण समाप्त होने के बाद भी बने रहते हैं.
चिकनगुनिया नाम किमाकोंडे भाषा के एक शब्द से लिया गया है. इसके संक्रमण की चपेट में आए मरीज में गंभीर जोड़ों के दर्द और बुखार होता है. इस बीमारी से अधिकांश मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं. हालांकि, चिकनगुनिया रोग घातक साबित भी हो सकता है. संक्रमण के बड़े पैमाने पर रिपोर्ट न होने के बावजूद 2023 में दुनिया भर में लगभग 5 लाख मामले और 400 से अधिक मौतें दर्ज की गईं थीं.
वर्तमान में चिकनगुनिया को रोकने के लिए कोई दवाई या संक्रमण के बाद के विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं हैं. हालांकि, दुनिया की पहली वैक्सीन को नवंबर 2023 में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा मंजूर किया गया था. क्रूज़ ने कहा, चिकनगुनिया वायरस फैलाने वाले मच्छरों के प्रसार को नियंत्रित करने के उपायों को सुदृढ़ करना भी बीमारी से जुड़ी अतिरिक्त मृत्यु दर को कम करने के लिए आवश्यक है.