अक्सर हम सिर दर्द को नज़र अंदाज़ कर देते है. ऐसा सोचते है की अपने आप ठीक हो जायेगा. पर फिर भी नहीं होता तो हम डॉक्टर से बिना पूछे मार्केट में उपलब्ध कोई भी दवा खा लेते है. जिससे की सिर दर्द ठीक तो हो जाता है, पर हम उसके होने का कारण नहीं जान पाते, और ना ही जानने में इंटरेस्ट रखते है. ऐसे ही 

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मेरी दोस्त सिर दर्द से परेशान थी. उसको लगा की शायद अब मुझे माइग्रेन की शिकायत हो गयी है. या फिर मेरी आंखों में परेशानी हो गयी है. पर जांच हुई तो दोनों चीज़े सही निकली और पता चला की उनको कोई आम सिर दर्द नहीं है. ये सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द है. और इसका मुख्य कारण है घंटो सर झुका कर बैठना. आइये जानते है की क्या होता है सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द.

क्या होता है सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द?

सर्वाइकल का मतलब होता है गर्दन. जेनिक का मतलब होता है उत्पत्ति. और हेडेक का मतलब होता है सिर का दर्द. सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द की शुरुआत गर्दन से होती है. इसलिए इस तरह के सिर के दर्द को सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द बोलते हैं. ये गर्दन में स्पाज्म आने से होता है यानी गर्दन की कोशिकाएं या फिर हड्डियों के बढ़ने से होता हैं. जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है, डिस्क, लिगामेंट्स और हड्डियां घिसती हैं. जिसकी वजह से गर्दन की मांसपेशियों में तनाव आ जाता है. गर्दन अकड़ जाती है और उसे हिलाने में काफी तकलीफ होती हैं. इस वजह से गर्दन में दर्द होता है. और फिर ये दिमाग की नसों में तनाव पैदा करता है, जिससे कि सिर में भी दर्द शुरू हो जाता है. 

सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द होने के कारण 

सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द का कारण उम्र बढ़ने के साथ रीढ़ की हड्डी का घिसना होता है. ये खासकर उन लोगों को होता है जो लम्बे समय तक सिर झुका कर और बैठ कर काम करते है. सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द के लक्षण 

1. गर्दन में अकड़न

2. गर्दन में दर्द

3. गर्दन को मोड़ने में दिक्कत

4. हाथों में सुन्नपन

5. हाथों में दर्द

6. नसों में तनाव 

7. कमर में सुन्नपन 

8. सिर का दर्द

सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द का इलाज

 

सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द में भूख ना लगने का, समय से ना सोने का या फिर किसी भी विटामिन की कमी होने का कोई रोल नहीं होता. ये सिर्फ लगातार झुक कर काम करने से, गर्दन की अकड़न से, गर्दन घुमाने में दिक्कत होने से बढ़ता है. इसके इलाज में सिर्फ एक्सरे देख कर नहीं मान लेना चाहिए की आपको सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द है, बाकी के लक्षणों की भी जांच कराने की ज़रूरत होती है. क्योंकि अगर इसपर ध्यान नहीं दिया जाए तो गर्दन की नस पर दबाव पड़ता है. जिससे की हाथ में और सिर में कमज़ोरी होती है. सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द का इलाज बहुत ही आसान है. आप गर्दन को लगातार झुकाकर नहीं  रखेंगे तो भी आपको काफी आराम मिल जायेगा. आप फ़िज़ियोथेरेपी की मदद ले सकते है. दर्द कम होने पर खुद से एक्सरसाइज करने से भी दर्द में काफी राहत मिलता है. मसल रिलैक्सेंट, एंटी- इंफ्लेमेटरी, दर्द कम करने वाली दवाइयां और मल्टी विटामिन इसके लिए काफी फायदेमंद रहते है. 

गर्दन से सिर तक जाने वाले और भी दर्द होते है. जैसे की माइग्रेन और ऑक्सीपिटल नेयुरेल्जिया. पर इनके लक्षण सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द से अलग होते हैं. अगर आपको भी सर्वाइकोजेनिक सिरदर्द के लक्षण महसूस हो तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाए.