Lungs Disease के लिए बेहतरीन औषधि है ये चीज, कहीं भी आसानी से मिल जाती है और कीमत भी ज्यादा नहीं
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) फेफड़ों की गंभीर बीमारी मानी जाती है, लेकिन इस बीमारी में चुकंदर का रस काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. हाल ही एक रिसर्च में ये बात सामने आयी है.
फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. एक रिसर्च में ये सामने आया है कि चुकंदर फेफड़ों के लिए काफी अच्छा होता है. ये सीओपीडी जैसी गंभीर बीमारी में भी बेहतरीन औषधि का काम करता है. इससे मरीजों की सेहत में काफी सुधार आ सकता है. बता दें कि चुकंदर एक ऐसी सब्जी है जो कहीं भी आसानी से मिल जाएगी. सर्दियों में तो ये हर सब्जी की दुकान पर नजर आती है. इसकी कीमत भी सामान्य है, मतलब ये इतनी महंगी चीज नहीं कि कोई खरीद न सके. चुकंदर को सलाद, जूस और सूप के तौर ले सकते हैं.
रिसर्च में सामने आया कि 12 सप्ताह यानी 3 महीने तक चुकंदर का रस लेने से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित लोगों की सेहत में काफी सुधार हुआ. सीओपीडी एक फेफड़ों की गंभीर स्थिति है जो दुनियाभर में लगभग 400 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है. इसमें क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और एम्फाइज़िमा शामिल है. इसमें सांस लेने में कठिनाई होती है और लोगों की फिजिकल एक्टिविटी की क्षमता गंभीर रूप से सीमित हो जाती है.
सीओपीडी दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ाती है. यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार चुकंदर पर किए गए एक परीक्षण में पाया गया कि चुकंदर के रस में नाइट्रेट की मात्रा अधिक होती है. वहीं इंपीरियल कॉलेज लंदन यूके के प्रोफेसर निकोलस हॉपकिंसन का कहना है कि कुछ सबूत हैं जोकि नाइट्रेट के स्रोत के तौर पर चुकंदर के रस का उपयोग एथलीटों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा ब्लड प्रेशर को देखते हुए कुछ अल्पकालिक अध्ययन भी किए गए हैं. हॉपकिंसन के मुताबिक खून में नाइट्रेट का उच्च स्तर नाइट्रिक ऑक्साइड की उपलब्धता को बढ़ा सकता है, एक रसायन जो रक्त वाहिकाओं को आराम देने में मदद करता है. यह मांसपेशियों की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है यानी समान कार्य करने के लिए उन्हें कम ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है.
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इस अध्ययन में सीओपीडी वाले 81 लोगों को शामिल किया गया और जिनका सिस्टोलिक रक्तचाप 130 मिलीमीटर पारा (एमएमएचजी) से अधिक था. मरीजों के रक्तचाप की निगरानी करने के साथ-साथ, शोधकर्ताओं ने परीक्षण किया कि अध्ययन की शुरुआत और अंत में मरीज छह मिनट में कितनी दूर तक चल सकते हैं. प्रतिभागियों को 12 महीने के कोर्स में नाइट्रेट से भरपूर चुकंदर का रस दिया गया और कई रोगियों को बिना नाइट्रेट वाला चुकंदर का रस दिया गया.
शोधकर्ताओं ने पाया कि नाइट्रेटयुक्त पूरक लेने वालों ने नाइट्रेट लेने वालों की तुलना में सिस्टोलिक रक्तचाप में 4.5 मिमी/एचजी की औसत कमी का अनुभव किया. नाइट्रेट से भरपूर चुकंदर का जूस पीने वाले मरीज छह मिनट में कितनी दूर तक चल सकते हैं, इसमें भी औसतन लगभग 30 मीटर की वृद्धि हुई. प्रोफेसर हॉपकिंसन ने कहा, अध्ययन के अंत में हमने पाया कि नाइट्रेटयुक्त चुकंदर का जूस पीने वाले लोगों का रक्तचाप कम था और उनकी रक्त वाहिकाएं कम कठोर हो गईं. जूस से यह बात भी सामने आई कि सीओपीडी वाले लोग छह मिनट में कितनी दूर तक चल सकते हैं.
यह इस क्षेत्र में अब तक के सबसे लंबी अवधि के अध्ययनों में से एक है. परिणाम बहुत आशाजनक हैं, लेकिन इसके लिए दीर्घकालिक अध्ययनों की आवश्यकता होगी. स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर अपोस्टोलोस बोसियोस का कहना है कि सीओपीडी को ठीक नहीं किया जा सकता है, इसलिए मरीजों को इस स्थिति के साथ बेहतर जीवन जीने और उनके हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करने की जरूरत है. हालांकि, बोसियोस ने निष्कर्षों की पुष्टि के लिए लंबी अवधि तक रोगियों का अध्ययन करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
04:57 PM IST