Karnataka election result 2023: कर्नाटक की 224 सीटों पर वोटों की गिनती, क्या JD(S) बनेगा किंगमेकर? जानें खास बातें
Karnataka election result 2023: राज्य में 1985 के बाद कभी कोई सरकार लगातार दो बार सत्ता में नहीं लौटी है, ऐसे में 10 मई को हुए चुनावों में कांग्रेस की जीत परिलक्षित होती है या नहीं, ये देखने लायक बात होगी.
Karnataka election result 2023: कर्नाटक में कुछ ही घंटों में नई सरकार का चेहरा साफ हो जाएगा. राज्य में इतिहास खुद को दोहराएगा या इस बार परिपाटी बदलेगी, ये देखना दिलचस्प होगा. राज्य में 1985 के बाद कभी कोई सरकार लगातार दो बार सत्ता में नहीं लौटी है, ऐसे में 10 मई को हुए चुनावों में कांग्रेस की जीत परिलक्षित होती है या नहीं, ये देखने लायक बात होगी. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. जनता दल सेकुलर जहां एक बार फिर से किंगमेकर बनने की भूमिका में आती दिख सकती है.
आइए जानते हैं कर्नाटक चुनावों और नतीजों से जुड़ी खास बातें-
1. राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को चुनाव हुए थे, जिसमें 73.19% का ‘‘रिकॉर्ड’’ मतदान दर्ज किया गया. मतगणना राज्य भर के 36 केंद्रों में सुबह 8 बजे शुरू होगी और चुनाव अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि राज्य के भावी राजनीतिक परिदृश्य की तस्वीर दोपहर तक साफ हो जाएगी. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य भर में, विशेषकर मतगणना केंद्रों के अंदर और आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.
2. राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य की सत्ता में क्रमिक बदलाव की 38 साल पुरानी परंपरा तोड़ने की उम्मीद में है. इसके लिए पार्टी मोदी प्रभाव पर भरोसा जता रही है. वहीं कांग्रेस भी इस चुनाव में जीत हासिल करना चाहती है ताकि वह इसका इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने के लिए कर सके.
3. अधिकतर एग्जिट पोल्स ने सत्तारूढ़ भाजपा पर कांग्रेस को बढ़त दी है. हालांकि कुछ ने राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना का भी संकेत दिया है. ऐसे में यह भी देखा जाएगा कि त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में क्या सरकार बनाने की कुंजी पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जद (एस) के पास होगी?
4. इस बार चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला लेकिन सत्ता की चाबी किसके हाथ लगती है, यह तो शनिवार को ही साफ होगा. राज्य के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता बसवराज बोम्मई, कांग्रेस नेता सिद्धरमैया और डी के शिवकुमार तथा जद (एस) के एच डी कुमारस्वामी सहित कई अन्य बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
5. कर्नाटक ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 72.36 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. उस चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा बनी थी, जिसमें भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन बहुमत के आंकड़े से थोड़ी दूर रह गई थी.
6. काउंटिंग से एक दिन पहले सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों ने शुक्रवार को अपनी-अपनी रणनीति पर चर्चा की और निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधने को लेकर मंथन किया. मतदान के बाद सामने आए एग्जिट पोल्स में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने के संकेत मिलने के चलते दोनों दल जीत दर्ज करने की संभावना वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने पाले में करना चाहते हैं.
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