Karnataka Election Result 2023: नतीजों के बाद के लिए कांग्रेस-बीजेपी की रणनीति तैयार, मल्लिकार्जुन के आवास पर दिखी चहल-पहल
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के आज आने वाले नतीजों के बाद कांग्रेस और भाजपा ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, अगर पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल करती है, तो पहली प्राथमिकता तुरंत सरकार बनाने की होगी.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के आज आने वाले नतीजों के बाद कांग्रेस और भाजपा ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है. पूर्ण बहुमत और खंडित जनादेश दोनों के लिए उन्होंने अलग-अलग योजनाएं बनाई हैं. कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल सबसे पुरानी पार्टी के लिए संकटमोचक होंगे और पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं. रणदीप सिंह सुरजेवाला भी राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया, डी.के. शिवकुमार, जगदीश शेट्टार, एच.के. पाटिल व अन्य के सात बातचीत के लिए बेंगलुरु में मौजूद हैं. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर भी चहल-पहल दिखाई दे रही है.
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, अगर पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल करती है, तो पहली प्राथमिकता तुरंत सरकार बनाने की होगी. अगर पार्टी को दस से कम सीटें मिलती हैं, तो जद (एस) को तोड़ने की कोशिश प्राथमिकता होगी. कांग्रेस के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सिद्धारमैया को इस काम की जिम्मेदारी दी गई है, क्योंकि वह जद (एस) के पूर्व नेता थे और पार्टी में उनके गहरे संपर्क हैं.
उधर, भाजपा पूर्ण बहुमत की उम्मीद कर रही है और पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, यदि यह कम रहता है, तो पार्टी के उन पूर्व नेताओं को वापस लाने की कोशिश करेगी, जिन्होंने निष्ठा बदली है और जो जीते हैं. दलबदल विरोधी कानून को रोकने के लिए इन नेताओं से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपनी सीटों से इस्तीफा दे दें और भाजपा सरकार का मार्ग प्रशस्त करें. भगवा पार्टी निर्दलीय उम्मीदवारों में से किसी के जीतने पर उनका समर्थन हासिल करने की भी कोशिश करेगी.
भाजपा नेता ने बताया, यदि पार्टी पूर्ण बहुमत से बहुत कम आती है, तो भाजपा जद (एस) को समर्थन देगी और एच.डी. कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री के रूप में आगे बढ़ाएगी. कुमारस्वामी, जो चिकित्सा जांच के लिए सिंगापुर में थे, शनिवार सुबह घर लौट आए और भाजपा को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा के बारे में पहले ही सूचित कर दिया है. दोनों राष्ट्रीय दलों ने सरकार बनाने की कमर कस ली है, ऐसे में देखना होगा कि कौन जीतता है.