Karnataka Assembly Election 2023 Analysis: कर्नाटक का चुनाव कई मायनों में दिलचस्‍प है. कर्नाटक एक ऐसा राज्‍य है जहां पिछले 38 सालों में कभी सरकार रिपीट नहीं हुई. ऐसे में बीजेपी हर हाल में इस रिवाज को तोड़ देना चाहती है. कारण है कि दक्षिण में कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर बीजेपी की सरकार है. अगर बीजेपी इस बार यहां पर जीत हासिल करती है तो वो आने वाले समय में दक्षिण के अन्‍य राज्‍यों में भी अपनी पकड़ बनाने का प्रयास करेगी. इसलिए बीजेपी कर्नाटक को दोबारा वापसी करने के लिए एड़ी से चोटी तक पूरी ताकत लगा रही है. वहीं बीजेपी की पकड़ को दक्षिण भारत में कमजोर करने के लिए कांग्रेस सरकार बनाने के लिए एड़ी से चोटी तक का दम लगा रही है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कर्नाटक चुनाव कांग्रेस के लिए कितना खास है, इसका उदाहरण है कि खुद सोनिया गांधी इस बार लंबे समय के बाद राज्‍य में प्रचार करने के लिए आयीं थीं. वहीं कर्नाटक के अलावा इसी साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव होने हैं और अगली साल लोकसभा चुनाव होने वाला है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों में से जो भी यहां जीत हासिल करेगी, वो अपने कार्यकर्ताओं के अंदर अगले चुनाव को लेकर जोश भरने का काम करेगी. कुल मिलाकर ये चुनाव कांग्रेस और बीजेपी के बीच की चुनावी जंग बन गया है. आइए आपको इस मौके पर बताते हैं यहां की 5 हाई प्रोफाइल सीटों के बारे में जिन पर सभी की नजर टिकी हुई है.

शिगगांव

सबसे पहले बात करेंगे शिगगांव की. इस सीट को हाई प्रोफाइल सीट इसलिए माना जा रहा है क्‍योंकि यहां से कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई चुनाव लड़ रहे हैं. बोम्‍मई यहां से तीन बार विधायक रहे हैं. 8 बार इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली है और जेडीएस यहां स अ‍ब तक सिर्फ एक बार ही जीत पाई है. बसवराज बोम्‍माई के खिलाफ खिलाफ कांग्रेस ने यासिर अहमद खान पठान को टिकट दिया है. जबकि जेडीएस ने शशिधर चन्नबसप्पा यलीगर को चुनावी मैदान में उतारा है. शिगगांव की जनता इस बार किसको चुनेगी, ये देखने लायक होगा.  

वरुणा

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया खुद इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ये सीट उनका गढ़ कही जाती है और इस बार तो सिद्धारमैया ने जनता से भावुक अपील की है कि ये उनका आखिरी चुनाव है. सिद्धारमैया के खिलाफ बीजेपी ने कर्नाटक सरकार के मंत्री वी. सोमन्ना को प्रत्याशी बनाया है. जेडीएस से डॉ. भारती शंकर उम्मीदवार हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्‍प होगा कि वरुणा की जनता उनका कितना साथ देती है. 

कनकपुरा

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार यहां से मैदान में उतरे हैं. पिछले 14 चुनावों में से यहां छह बार कांग्रेस को जीत मिली है. डीके शिवकुमार खुद यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं. वहीं बीजेपी का आज तक यहां खाता भी नहीं खुला है. इसलिए इस सीट को भी बेहद खास माना जा रहा है. डीके शिवकुमार के खिलाफ भाजपा ने आर अशोक को मैदान में उतारा है. वहीं जेडीएस ने बी नागराजू को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में इस बार की टक्‍कर देखने लायक होगी.

चन्नापटन

जेडीएस प्रमुख और दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके एचडी कुमारस्वामी चन्‍नापटन से चुनाव लड़ रहे हैं. साल 2018 के चुनाव में कुमारस्‍वामी यहां से अपनी जीत दर्ज करवा चुके हैं. उन्‍होंने बीजेपी ने सीपी योगेश्वर को हराया था. इस बार भी कुमारस्वामी के खिलाफ बीजेपी ने सीपी योगेश्वर को ही उतारा है, जबकि कांग्रेस ने गंगाधर एस. को टिकट दिया है. ऐसे में ये देखने लायक होगा कि सीपी योगेश्‍वर कुमार स्‍वामी को इस बार टक्‍कर दे पाते हैं या नहीं. 

शिकारीपुरा 

पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ये सीट येदियुरप्पा का गढ़ मानी जाती है. वे यहां से 8 बार विधायक रह चुके हैं. ऐसे में इस बार शिकारीपुरा सीट को येदियुरप्‍पा की साख से जोड़कर देखा जा रहा है. विजयेंद्र के खिलाफ कांग्रेस ने जीबी मलातेश को अपना उम्मीदवार बनाया है. 

रामनगर 

कर्नाटक की रामनगर विधानसभा सीट को भी बेहद खास माना जा रहा है क्‍योंकि इसी रामनगर विधानसभा सीट से कर्नाटक को दो दिग्गज मुख्यमंत्री एचडी देवगौड़ा और एचडी कुमारस्वामी मिले हैं. अब यहां से राज्‍य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी चुनाव लड़ रहे हैं. निखिल कुमार स्वामी के खिलाफ कांग्रेस के इकबाल हुसैन और बीजेपी के गौतम गौड़ा मैदान में है. दो दशक से अधिक समय से ये सीट जेडीएस का गढ़ रही है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें