पहाड़ों का हमारे जीवन में क्‍या महत्‍व है, ये समझाने के लिए हर साल 11 नवंबर को International Mountain Day मनाया जाता है. वॉटर सोर्स के अलावा तमाम तरह के खनिज-धातुओं, मेडिसिनल प्लांट्स से लेकर काफी कुछ हमें पहाड़ों की बदौलत मिलता है. ऐसे में पर्वतों का संरक्षण हम सब के जीवन के लिए जरूरी है. यही बात समझाने के लिए हर साल माउंटेन डे मनाया जाता है.

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दुनिया में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी पहाड़ों का बड़ा योगदान है. Nature Lovers की बात करें तो उन्‍हें पहाड़ बहुत आकर्षित करते हैं. रोजमर्रा की जिंदगी से जब भी उन्‍हें थोड़ी ऊब महसूस होती है, तो वो पहाड़ों पर खुद को रिफ्रेश करने के लिए पहुंच जाते हैं. लेकिन अगर आप एडवेंचर्स के शौकीन हैं और पर्वतारोहण करना चाहते हैं, तो आज Mountain Day के मौके पर हम आपको बताएंगे दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत Mount Everest पर चढ़ाई करने के लिए आपको क्‍या करना होगा.

बहुत महंगा है माउंट एवरेस्‍ट पर चढ़ाई करना

माउंट एवरेस्‍ट हिमालय पर्वत का हिस्‍सा है. इसे दुनिया की सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है. 8,849 मीटर की ऊंचाई वाले इस पर्वत की चढ़ाई किे लिए काफी धैर्य, हिम्‍मत और जोश के अलावा शारीरिक फिटनेस और आर्थिक रूप से सक्षम होने की भी जरूरत है क्‍योंकि माउंट एवरेस्‍ट पर चढ़ना बहुत महंगा पड़ता है. इस पर्वत की चढ़ाई के लिए परमिट और फीस, गियर और उपकरण जैसे हेलमेट, क्रैम्पन, कुल्हाड़ी, स्लीपिंग बैग, स्लीपिंग पैड, टैंट, भोजन वगैरह की जरूरत पड़ती है. 

इसके अलावा शेरपा गाइड, नेपाल में परिवहन, भोजन और आवास की लागत और तमाम अन्‍य खर्च जैसे इंश्‍योरेंस, पर्सनल आइटम, शेरपा आदि के लिए काफी खर्च देना पड़ता है. माउंट एवरेस्ट को फतह करने के लिए फिजिकल ट्रेनिंग के लिए भी काफी रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सभी तरह के खर्च को मिलाकर पर्वतारोही को करीब 20 से 22 लाख रुपए के आसपास पैसों का इंतजाम करना पड़ता है. इसके अलावा, पर्वतारोहण उपकरण, गाइड, खच्चर और अन्य सर्विस चार्जेज अलग से होते हैं.

चढ़ाई के लिए ये दो रास्‍ते

माउंट एवरेस्ट नेपाल और तिब्‍बत सीमा के बीच है. वैसे तो इस पर पहुंचने के कई रास्‍ते हैं, लेकिन ज्‍यादातर पर्वतारोही दो रास्‍तों का चुनाव करते हैं. नेपाल में साउथ रूट और तिब्‍बत में नॉर्थ रूट. इसमें भी सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल नेपाल वाले रास्‍ते का किया जाता है क्‍योंकि तिब्‍बत से चढ़ाई काफी महंगी पड़ती है. इसके अलावा ज्‍यादातर ट्रेकिंग कराने वाली कंपनीज नेपाल में स्थित हैं. 

पर्वत पर चढ़ाई का सही समय

माउंट एवरेस्‍ट पर चढ़ाई के समय की बात करें तो मानसून से पहले का समय यानी मई के आसपास का समय इसके लिए उपर्युक्‍त माना जाता है. इस समय में मौसम काफी गर्म होता है. मानसून के महीने में यहां के रास्‍ते खतरनाक और फिसलनभरे हो जाते हैं. इस चढ़ाई में लगभग दो महीने लग जाते हैं. चढ़ाई के समय पर्वतारोही के साथ शेरपा गाइड्स भी साथ जाते हैं.