भीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के गुरुवार को गुजरात में दस्तक देने की आशंका के मद्देनजर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. चक्रवात के गुरुवार शाम को लैंडफॉल की भविष्यवाणी की गई है. इसके बाद आईएमडी ने शुक्रवार तक सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है और मछुआरों को सलाह दी है कि वे समुद्र में न जाएं. 

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मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने भी एहतियात के तौर पर चक्रवात संभावित क्षेत्रों से गुजरने वाली 67 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है. बता दें बिपाजॉय वर्तमान में पोरबंदर और देवभूमि द्वारका के दक्षिण पश्चिम में स्थित है. इसके गुरुवार शाम को अत्यधिक चक्रवाती तूफान के रूप में जखाऊ बंदरगाह के पास से गुजरने की उम्मीद है.

125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं

चक्रवात बिपारजॉय के जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ, गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान में करांची के बीच पार करने का अनुमान है. चक्रवात के लैंडफॉल से 125-135 किमी प्रति घंटे की गति के साथ तेज हवाएं चलने का अनुमान है, जो 150 किमी प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है. प्रारंभिक उपाय के रूप में अहमदाबाद नगर निगम ने असुरक्षित क्षेत्रों में लगाए गए होर्डिंग्‍स को हटाने और गिरने की आशंका वाले कमजोर पेड़ों को काटने का निर्णय लिया है.

जखाऊ बंदरगाह सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक

गुजरात में अधिकारियों ने तटीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर निकासी का प्रयास शुरू किया है. चक्रवात के प्रभाव की प्रत्याशा में लगभग 37,800 व्यक्तियों को संवेदनशील क्षेत्रों से अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित किया गया है. कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक है.

रेलवे ने 67 ट्रेनों को किया रद्द

एहतियात के तौर पर रेलवे ने  67 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है. रद्द की गई कुछ ट्रेनों में ओखा- राजकोट अनारक्षित स्पेशल, वेरावल-ओखा एक्सप्रेस, राजकोट-ओखा अनारक्षित स्पेशल, भावनगर टर्मिनस- ओखा एक्सप्रेस, अहमदाबाद-वेरावल एक्सप्रेस, पोरबंदर-वेरावल एक्सप्रेस शामिल हैं. भारतीय तटरक्षक बल भी गुजरात के तट पर सक्रिय रूप से गश्त कर रहा है.

तैयारियों को लेकर अमित शाह कर चुके हैं बैठक

बिपरजॉय को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मंगलवार को राज्य की तैयारियों का आकलन करने के लिए एक बैठक की थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे. शाह ने संवेदनशील क्षेत्रों से निवासियों को निकालने और इन क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया.

ये हैं सुरक्षा की तैयारियां

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) सहित आपदा प्रतिक्रिया दल, चक्रवात के बाद सहायता प्रदान करने के लिए स्टैंडबाय पर हैं. सेना ने नागरिक प्रशासन और एनडीआरएफ अधिकारियों के साथ समन्वय में काम करते हुए बाढ़ राहत टीम भी तैनात किए हैं.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय भागों में तेज हवाओं के साथ अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां भारी बारिश की उम्मीद है. इसके लैंडफॉल के बाद, चक्रवात बिपारजॉय के कमजोर पड़ने और उत्तर पूर्व की ओर अत्यधिक दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की संभावना है. आईएमडी निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार 15-17 जून तक उत्तरी गुजरात में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.

चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए, एनडीआरएफ की 17 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड के प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है. चक्रवात बिपरजॉय की तैयारी में, पश्चिम रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और व्यवधानों को कम करने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं और 67 से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं.

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