चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के तौर पर मनाया जाता है. मान्‍यता है कि इस दिन 11वें रुद्रावतार बजरंग बली का जन्‍म हुआ था. बजरंगबली को लेकर माना जाता है कि वे आज भी इस धरती पर मौजूद हैं. उन्हें कलयुग में संकट मोचन कहा जाता है. माना जाता है कि अगर उनका कोई भक्‍त उन्‍हें सच्‍चे दिल से याद करे तो वो फौरन उसकी मदद के लिए आ जाते हैं. हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्‍व है. ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र बताते हैं कि हनुमान जी को एक चीज बेहद प्रिय है. वो है उनका चोला. ये एक ऐसा उपाय (Hanuman Jayati Upay) है, जो आपके जीवन की हर समस्‍या को दूर करने में मददगार हो सकता है. अगर आपके जीवन में कोई बड़ी परेशानी है तो हनुमान जयंती के दिन बाबा से उस समस्‍या को दूर करने की विनती करें और श्रद्धापूर्वक उन्‍हें चोला अर्पित करें. इससे आपका बड़े से बड़ा संकट का भी निदान कुछ समय में हो जाएगा. यहां जानिए चोला चढ़ाने का सही तरीका.

ऐसे चढ़ाएं चोला

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अगर आप हनुमान बाबा को चोला चढ़ाने जा रहे हैं तो सबसे पहले हाथ में दक्षिणा, पुष्प और जल लेकर संकल्प लें. इसके बाद भगवान राम को याद करें और उनका नाम जपते हुए चोला चढ़ाना शुरू करें. चोला चढ़ाने से पहले हनुमान जी की मूर्ति से उनका पुराना चोला अच्‍छी तरह से रगड़कर साफ करें. इसके बाद हाथों को कपड़े से पोंछकर नारंगी सिंदूर में चमेली का तेल और इत्र डालकर अच्छे से मिलाएं. इसे पहले हनुमान जी के चरणों में लगाएं और प्रणाम करें. इसके बाद ऊपर सिर से नीचे की ओर लगाएं. चोला चढ़ाते हुए प्रभु श्रीराम का नाम जपते रहें. अच्छी तरह से चोला लगाने के बाद चांदी की बर्क लगाकर प्रतिमा को सजाएं. हनुमान बाबा को जनेऊ पहनाएं. तुलसी या पीपल के पत्‍ते से बनी माला पहनाएं. अगर ये न हो तो गुलाब या पीले पुष्प की माला पहनाएं और और धूप-दीप आदि जलाकर पूजा करें. दक्षिणा चढ़ाएं और बाबा को बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. इसके बाद हनुमान चालीसा, हनुमान मंत्र, सुंदरकांड जो भी आप पढ़ना चाहते हैं, वो पाठ पढ़ें. हनुमान जी की और प्रभु श्रीराम की आरती करें. इसके बाद हनुमान बाबा से अपनी भूल के लिए क्षमायाचना करें.

इस बात का रहे खयाल

चोला चढ़ाना महिलाओं के लिए वर्जित है. अगर आप शादीशुदा हैं तो आप इस कार्य में पति का सहयोग कर सकती हैं. ऐसे में चोला चढ़ाते समय आप पति को अपने हाथों से सामान सौंपें, लेकिन चढ़ाने का काम पति ही करेंगे. वहीं कुंआरी कन्याएं पंडित को चोले का सामान देकर बाबा को चढ़वा सकती हैं, लेकिन स्वयं इसे न चढ़ाएं. चोला चढ़वाने के बाद हनुमान बाबा की चालीसा आदि का पाठ करें. 

क्‍यों हनुमान जी को पसंद है चोला

हनुमान जी को चोला क्‍यों पसंद है, इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. कहा जाता है कि त्रेतायुग में एक बार हनुमान बाबा ने सीता माता को मांग में सिंदूर लगाते देखा तो कारण पूछा. उन्होंने कहा कि ये आपके प्रभु की लंबी आयु के लिए है. इससे वे प्रसन्न होंगे. ऐसा सुनकर हनुमान जी ने सोचा चुटकी भर सिंदूर से प्रभु श्रीराम इतने प्रसन्न होते हैं तो अगर में अपने पूरे शरीर पर इसे लगा लूं तो वे हमेशा ही प्रसन्न रहेंगे. ये सोचकर उन्होंने सिंदूर को अपने पूरे शरीर पर लगा लिया. जब भगवान राम ने उन्हें देखा तो हंसने लगे और बोले हनुमान ये क्या है ? हनुमान जी बोले प्रभु ये आपकी लंबी आयु के लिए है. उनकी भक्ति देख राम भगवान बहुत प्रसन्न हुए और बोले आज से जो भी तुम्हें सिंदूर चढ़ाएगा उसके सारे कष्ट दूर होंगे. उस पर हमेशा मेरी भी कृपा रहेगी. इसलिए हनुमान बाबा पर उनका जो भी भक्‍त चोला चढ़ाता है, तो वे इससे अत्‍यंत प्रसन्‍न होते हैं.