दुनिया में तमाम तरह की अनोखी जगह हैं, जहां कुछ न कुछ ऐसा है जो अक्‍सर लोगों को हैरान कर देता है. इन्‍हीं में से एक जगह है गिथॉर्न. कहने को तो ये जगह नीदरलैंड में है, लेकिन यहां की खास बात ये है कि इस जगह पर आपको एक भी सड़क देखने को नहीं मिलेगी. यहां रहने वाले लोगों को अगर पड़ोस के घर में भी जाना है तो आपको उसके लिए नाव की सवारी करनी होती है. 

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ये जगह इतनी खूबसूरत है कि एक बार अगर आप यहां चले जाएं, तो यहां के अनुभव को नहीं भूल पाएंगे. अगर आप दिल्‍ली के प्रदूषण से दूर किसी शांत जगह पर जाना चाहते हैं तो आपको एक बार इस जगह घूमने की प्‍लानिंग भी जरूर करनी चाहिए. यहां न तो आपको गाड़‍ियों का शोर मिलेगा और न ही प्रदूषण. जानिए इस जगह से जुड़ी खास बातें-

'नीदरलैंड का वेनिस' कहलाता है ये गांव

गिथॉर्न (Giethoorn) इतना खूबसूरत गांव है कि लोग इसे 'नीदरलैंड का वेनिस' कहते हैं. आप अगर यहां पर घूमने जाएंगे तो वापस लौटने का मन ही नहीं करेगा. इस गांव में एक भी सड़क नहीं होने के कारण यहां बाइक-कार या कोई अन्‍य वाहन देखने को भी नहीं मिलता. हर तरफ बस नहर है जिसमें लोग नाव के जरिए एक जगह से दूसरी जगह पर काम करने के लिए जाते हैं.

गांव में सड़क न होने की वजह

गिथॉर्न में एक भी सड़क न होने के पीछे भी एक वजह है. दरअसल ये गांव 1230 में बसा था. ऐसा कहा जाता है कि उस समय ईंधन में उपयोग किए जाने वाले एक प्रकार के घास को एक छोर से दूसरे छोर पर ले जाने के लिए एक मीटर गहरे इन नहरों को बनाया गया था. लेकिन खुदाई के दौरान यहां कई तालाब और झीलें बन गईं और नाव के जरिए लोग आने-जाने लगे. धीरे-धीरे यहां के लोगों को इस जीवनशैली की आदत हो गई. अब उन्‍हें सड़क की कोई जरूरत महसूस ही नहीं होती और आज ये जगह दुनियाभर में एक खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में मशहूर है.

जीरो प्रदूषण वाला गांव

बताया जाता है कि इस गांव में करीब 3000 लोग रहते हैं. कार-मोटर और किसी भी अन्‍य तरह का वाहन न होने के कारण यहां बिल्‍कुल शोर-शराबा महसूस नहीं होता. ये जगह एकदम शांत है. यहां की नहरों में इलेक्ट्रिक मोटर से नाव चलती हैं, जिसके जरिए लोग कहीं आते जाते हैं और उसका शोर बहुत ज्‍यादा नहीं होता. इसके अलावा यहां आपको प्रदूषण भी नहीं मिलेगा. इसे यूरोप का जीरो प्रदूषण वाला गांव कहा जाता है.

कार की बजाय लोग रखते हैं खुद की नाव

यहां रहने वाले लोगों के पास अपनी खुद की छोटी-छोटी नाव हैं. अगर कोई सैलानी यहां आता भी है तो उसे अपनी कार को गांव के बाहर ही छोड़ना पड़ता है और बोट के सहारे गांव में घूमना पड़ता है. गांव में 180 से ज्यादा पुल मौजूद हैं. जिसके जरिए लोग नहर को पार करते हैं. ये पुल गांव की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते हैं. साल भर यहां सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है.