गणपति विसर्जन 30 सितंबर को बड़े धूमधाम से किया गया. इसके बाद रविवार यानी एक अक्टूबर को मुंबई के लालबाग के राजा पंडाल में आए हुए सोने चांदी के आभूषणों का ऑक्शन किया गया. भक्ति दूर-दूर से आकर अपनी मान्यता के अनुसार चढ़ाए हुए आभूषणों को खरीदते हैं. मुंबई ने मन्नतों के राजा कहे जाने वाले लालबाग के राजा को उनके भक्तों द्वारा चढ़ावे में चढ़ाए गए आभूषणों की रविवार यानी 1 अक्टूबर को नीलामी की गई.

Ganpati Visarjan: दो करोड़ 10 लाख रुपए का सोना, 64 किलो चढ़ाया चांदी 

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पिछली साल की तरह इस साल भी भक्तों ने लालबाग के राजा के चरणों में दिल खोलकर चढावा चढ़ाया है. बप्पा के चढ़ावे में कुल साढ़े तीन किलो सोना जिसकी कीमत करीबन 2 करोड़ 10 लाख रुपए है. वहीं भक्तों ने करीब 64 किलो चांदी भी चढ़ाया है जिसकी कीमत करीब 45 लाख है.  सोने चांदी के आभूषण का कुल मूल्य करीब ढाई करोड़ है (2.5 Crore) वहीं डोनेशन में आये कैश गिनती अभी भी चल रही है. मिली जानकारी के मुताबिक 8 दिनों की गिनती में अब तक 5 करोड़ 16 लाख की गिनती हो चुकी है. 

Ganpati Visarjan: चढ़ावे में दिए गए हैं दो इलेक्ट्रिक स्कूटर

जानकारी के मुताबिक गिनती पूरी होने में करीब 2 दिन और लग सकता है, कुल कैश रकम 8 करोड़ के पार पहुंच सकता है. किसी भक्त ने बाप्पा के चढ़ावे में 2 इलेक्ट्रिक स्कूटर भी दिया है। जिसकी कीमत करीब साढ़े 3 लाख बताया जा रहा है. लालबाग ट्रस्ट के सेक्रेटरी सुनिल  साल्वे के मुताबिक, 'हर साल की तरह इस साल भी बप्पा के चरणों में आए वस्तों को हर साल की तरह सामाजिक भलाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा जिससे सभी भक्तो को इसका लाभ मिले. 

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गौरतलब है कि 10 दिन के गणपति उत्सव के दौरान भगवान गणपति की मूर्तियों को घरों एवं पंडालों में स्थापित किया जाता है और उत्सव के समापन पर इनका विसर्जन किया जाता है. बता दें कि इस वर्ष गणेशोत्सव की शुरुआत 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी से हुई और 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के साथ इसका समापन हुआ.