Ganpati Visarjan 2023: गणेश चतुर्थी के दिन घर में मेहमान बनकर आए विघ्‍नहर्ता श्रीगणेश की आज विदाई का समय है. आज 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गजानन अपने धाम को लौट जाएंगे. जिस तरह से गणपति को धूमधाम से घर पर लाया जाता है, उसी तरह से उनकी विदाई भी की जाती है. कहा जाता है कि यदि विधि-विधान से गणपति की विदाई करो तो बप्‍पा अपने साथ सारे विघ्‍न ले जाते हैं. आपने भी अगर अपने घर पर बप्‍पा को विराजमान कराया है, तो जान लें आज उनके विसर्जन का शुभ समय और विसर्जन के नियम.

गणेश विसर्जन शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan Shubh Muhurat)

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ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर 2023 को रात 10.18 बजे शुरू हो चुकी है जो आज 28 सितंबर को शाम 06.49 बजे समाप्‍त रहेगा. ऐसे में गणपति के विसर्जन का शुभ समय है-

  • सुबह 06.11 बजे से 07.40 बजे तक
  • सुबह 10.42  बजे से दोपहर 01.38 बजे तक 
  • शाम 04.41 से रात 09.10 बजे तक

दोपहर 01:39 से राहुकाल शुरू हो जाएगा, जो 03:08 बजे तक रहेगा. इसकी कुल अवधि 01:28 घंटे की है. इस समय को अशुभ काल माना जाता है. इस समय में किसी भी शुभ काम को करने से पूरी तरह से बचना चाहिए.

विसर्ज‍न से पहले की पूजा विधि (Ganesh Visarjan Puja)

गणपति का विसर्जन करने से पहले उनकी पूजा करनी चाहिए. लाल चन्दन, लाल पुष्प, दूर्वा, मोतीचूर के लड्डू या बेसन के लड्डू, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि गणपति को अर्पित करें. सपरिवार गणपति की आरती करें. संभव हो तो हवन करें. इसके बाद एक पोटली में लड्डू और दक्षिणा बांधकर गणपति के हाथ में दें. मान्‍यता है कि गणपति इस दिन अपने घर को लौटते हैं, ऐसे में उन्‍हें खाली हाथ नहीं भेजा जाता. इसके बाद उनसे क्षमा याचना करें और परिवार के संकट दूर करने की प्रार्थना करें. फिर जयकारों के साथ पाटे समेत गणपति की मूर्ति को उठाएं और धूमधाम से पुष्‍पों और लाल रंगों की बौछार करते हुए गणपति को विसर्जन के लिए लेकर जाएं.

विसर्जन के दौरान ध्‍यान रखें ये बातें (Visarjan Rules)

  • अगर मिट्टी की छोटी मूर्ति है तो अपने घर पर पानी के टब में विसर्जन करें. मिट्टी घुलने के बाद पानी को गमलों में डाल दें. मूर्ति बड़ी है तो प्रशासन द्वारा नियत स्थान अथवा कुण्ड में विसर्जन करें.
  • विसर्जन के दौरान गणपति से फिर से आने के लिए कहें. इस कार्य के दौरान स्‍वच्‍छता का पूरा खयाल रखें. 
  • स्‍वच्‍छता सिर्फ शरीर की ही नहीं, मन की भी रखें. किसी के लिए दूषित विचार मन में न लाएं.
  • विसर्जन के समय तक व्रत रखें. विसर्जन के बाद भी शराब, मीट आदि न खाएं.

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