Ganpati Visarjan 2023: गणेश चतुर्थी पर गजानन गणेश घर-घर में पधार चुके हैं. गणपति आगमन के बाद 10 दिनों तक उनका विशेष पूजन किया जाता है. इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन उनकी विदाई होती है. माना जाता है कि विदाई के साथ गणपति अपने साथ तमाम विघ्‍न भी लेकर चले जाते हैं. हालांकि कुछ लोग गणपति विसर्जन तीसरे, पांचवें या सातवें दिन भी करते हैं. जिस तरह से गणपति का आगमन धूमधाम से किया जाता है, उसी तरह से उनके विसर्जन को भी अच्‍छी तरह और नियमपूर्वक करना चाहिए. यहां जानिए गण‍पति विसर्जन का शुभ समय और विसर्जन के नियम.

गणपति विसर्जन का शुभ समय

  • ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के मुताबिक तीसरे दिन गणेश विसर्जन मुहूर्त 21 सितंबर 2023 सुबह 06.09 - से सुबह 07.39 बजे तक है. इसके अलावा सुबह 10.43 से  दोपहर 03.15 बजे तक और शाम 04.48 से रात 09.15 बजे तक रहेगा.
  • पांचवें दिन जो भक्‍त गणेश विसर्जन करना चाहते हैं वो 23 सितंबर 2023 को सुबह 06.11 बजे से सुबह 07.40 बजे तक, सुबह 09.12 बजे से सुबह 10.40 बजे तक और दोपहर 01.43 बजे से रात 07.42 बजे तक विसर्जन कर सकते हैं.
  • सातवें दिन यानी 25 सितंबर 2023 को विसर्जन करने के लिए शुभ समय सुबह 05.38 बजे से 07.09 बजे तक, 08.39 बजे से 10.10 बजे तक,  दोपहर में 01.11 बजे से 05.43 बजे तक और शाम 05.43 बजे से 07.12 बजे तक है.
  • अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन करना चाहते हैं तो 28 सितंबर 2023 को सुबह 06.11 बजे से 07.40 बजे तक, सुबह 10.42  बजे से दोपहर 03.10 बजे तक और शाम 04.41 से रात 09.10 बजे तक कर सकते हैं.

विसर्जन से पहले करें पूजन

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गणपति का विसर्जन करने से पहले उनकी पूजा करनी चाहिए. लाल चन्दन, लाल पुष्प, दूर्वा, मोतीचूर के लड्डू या बेसन के लड्डू, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि गणपति को अर्पित करें. सपरिवार गणपति की आरती करें. संभव हो तो हवन करें. इसके बा एक पोटली में लड्डू और दक्षिणा बांधकर गणपति के हाथ में दें. मान्‍यता है कि गणपति इस दिन अपने घर को लौटते हैं, ऐसे में उन्‍हें खाली हाथ नहीं भेजा जाता. इसके बाद उनसे क्षमा याचना करें और परिवार के संकट दूर करने की प्रार्थना करें. फिर जयकारों के साथ पाटे समेत गणपति की मूर्ति को उठाएं और धूमधाम से पुष्‍पों और लाल रंगों की बौछार करते हुए गणपति को विसर्जन के लिए लेकर जाएं.

विसर्जन के दौरान ध्‍यान रखें ये बातें

  • अगर मिट्टी की छोटी मूर्ति है तो अपने घर पर पानी के टब में विसर्जन करें. मिट्टी घुलने के बाद पानी को गमलों में डाल दें. मूर्ति बड़ी है तो प्रशासन द्वारा नियत स्थान अथवा कुण्ड में विसर्जन करें.
  • विसर्जन के दौरान गणपति से फिर से आने के लिए कहें. इस कार्य के दौरान स्‍वच्‍छता का पूरा खयाल रखें. 
  • स्‍वच्‍छता सिर्फ शरीर की ही नहीं, मन की भी रखें. किसी के लिए दूषित विचार मन में न लाएं.
  • विसर्जन के समय तक व्रत रखें. विसर्जन के बाद भी शराब, मीट आदि न खाएं.

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