Ganesh Chaturthi 2023: कब से शुरू होने जा रहा है गणेश उत्सव, नोट कर लीजिए शुभ मुहूर्त से लेकर हर जरूरी जानकारी
Ganesh Chaturthi 2023 Kab Hai: भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी पर इसका समापन होता है. जानिए इस बार गणेश चतुर्थी कब है और स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है.
Ganesh Chaturthi 2023 Correct Date: गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से इस उत्सव की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) पर इसका समापन होता है. गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्सों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है यानी इसी दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी.
गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा के भक्त उन्हें ढोल-नगाड़ों के साथ धूमधाम से घर पर लाते हैं और उनकी स्थापना करते हैं. इस बीच गणपति बप्पा की सेवाभाव से पूजा-अर्चना वगैरह की जाती है. घर पर लेकर आते हैं और स्थापना करते हैं. आइए आपको बताते हैं गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना के शुभ समय और अन्य जरूरी जानकारी.
ये है गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. ऐसे में ये गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा. 19 सितंबर को गणपति जी की स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 10:50 मिनट से 12:52 मिनट तक है, अतिशुभ मुहूर्त 12:52 मिनट से 02:56 मिनट तक है.
ऐसे करें स्थापना और पूजा
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. घर के मंदिर को साफ करें और बप्पा के आगमन के लिए घर को सजाएं. ईशान कोण में लकड़ी की चौकी की स्थापित करें और चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं. सही मुहूर्त में गणपति की प्रतिमा को घर लाएं और चौकी पर विराजमान करें. इसके बाद उन्हें सिंदूर, फूलमाला, धूप, दीप, अक्षत, पान, लड्डू, मोदक, दूर्वा आदि अर्पित करें. इसके बाद नियमित रूप से गणेश जी की विधिविधान से पूजा करें. पांचवें, सातवें या 11वें दिन उनका विसर्जन करें.
क्या है गणेश उत्सव का महत्व
भगवान गणेश को दुखहर्ता, शुभकर्ता और विघ्नहर्ता जैसे नामों से जाना जाता है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति की स्थापना जिस घर में की जाती है और विधि-विधान से पूजन वगैरह किया जाता है, उस घर के सारे कष्ट, परेशानियां और विघ्न गणपति अपने साथ ले जाते हैं. ऐसे घर में सब कुछ मंगल ही मंगल होता है. पूरे साल लोग इस पर्व का इंतजार करते हैं और धूमधाम से इसे मनाते हैं. महाराष्ट्र में गणेश उत्सव को बहुत बड़े स्तर पर मनाया जाता है.
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