G20 Summit: चीन को टेंशन देगी ये महाडील,भारत, अमेरिका, UAE समेत इन देशों के बीच शुरू होगा रेलवे-शिपिंग नेटवर्क
G20 Summit, Rail and ifra Projects: जी20 समिट में भारत, मध्य पूर्व, अमेरिका और EU के बीच रेलवे और शिपिंग नेटवर्क और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर समझौता हो सकता है. जानिए क्या कहा अमेरिका ने.
G20 Summit, Rail and ifra Projects: जी20 समिट में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल होने राजधानी नई दिल्ली पहुंचे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति ने शनिवार को भारत पहुंचने के बाद पीएम मोदी के साथ उनके साथ मीटिंग की है. जी20 के साइडलाइन्स में भारत, मध्य पूर्व, यूएई और यूरोपियन यूनियन के बीच शिपिंग और रेलवे ट्रांस्पोर्टेशन कॉरिडर को लेकर सहमति बन सकती है. साथ ही इसे लेकर एक MOU की भी घोषणा हो सकती है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत से मध्य पूर्व में यूरोप तक वाणिज्य, ऊर्जा और डेटा के प्रवाह में सहायता करना है.
G20 Summit, Rail and ifra Projects: हो सकती है MOU की घोषणा
व्हाइट हाउस के डिप्टी नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर जॉन फाइनर के मुताबिक, ' जी20 मीटिंग से इतर एक एमओयू की घोषणा हो सकती है, जिसका फोकस ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर पर होगा.' जॉन फाइनर के मुताबिक लीडर्स ग्लोबल इकोनॉमी और सप्लाई चेन से जुड़ी चुनौतियों के बारे में भी चर्चा करेंगे. यदि ये समझौता हो जाता है तो ये महामारी के बाद एक नए वर्ल्ड ऑर्डर में वैकल्पिक स्पालई चेन का काम करेगा. ये केवल रेलवे नेटवर्क ही नहीं बल्कि इसमें शिपिंग प्रोजेक्ट भी शामिल होगा. ऐसे में लोगों को समझना होगा कि ये कितना महत्वपूर्ण है.
G20 Summit, Rail and ifra Projects: इन देशों को मिलेगा फायदा
जॉन फाइनर के मुताबिक, 'इस डील से इस क्षेत्र के कम और मध्य आय वाले देशों को फायदा मिलगा. साथ ही ये मध्य पूर्व का ग्लोबल कॉमर्स में एक अहम रोल होगा. हमने देखा है कि इस समझौते में शामिल देश और वैश्विक तौर पर इसे काफी स्वीकारिता मिली है. ये पारदर्शी, हाई स्टैंडर्ड है. इसमें कोई जोर-जबरदस्ती नहीं हुई है. ये एक मजबूत और पॉजीटिव इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेट है. इससे उन देशों को फायदा मिलेगा जहां इंफ्रा की कमी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना विस्तृत, महत्वाकांक्षी और ग्राउंड-ब्रेकिंग होगा'
इंफ्रास्ट्रक्चर डील से मध्य पूर्व के कई देश रेलवे नेटवर्क के जरिए जुड़ेंगे. ये रेलवे नेटवर्क पोर्ट्स से शिपिंग लेन के जरिए भारत को मध्य पूर्व से जोड़ेगा. गौरतलब है कि चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में खाड़ी और मध्यपूर्व के देश बेहद अहम स्थान रखते हैं. ऐसे में इस प्रोजेक्ट से अरब देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने में भी मदद मिलेगी.