माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर की कमान संभालने के एक हफ्ते के भीतर दुनिया के सबसे अमीर शख्स Elon Musk ने शुक्रवार से कंपनी में छंटनी शुरू कर दी. मस्क ने कंपनी को खरीदने की डील पूरी करने के बाद ही कंपनी के सीईओ पराग अग्रवाल के साथ ही चीफ फाइनेंस ऑफिसर (सीएफओ) और कुछ दूसरे टॉप ऑफिशियल्स को फायर कर दिया था, इसके एक हफ्ते बाद ही उन्होंने कंपनी के ग्लोबल वर्कफोर्स को घटाने का काम शुरू कर दिया है. जब अभी डील पूरी भी नहीं हुई थी, तभी से यह चर्चा थी कि मस्क कंपनी की ओनरशिप लेने के बाद कम से कम आधे कर्मचारियों को निकाल देंगे. उनके आने के पहले ट्विटर में लगभग 7,500 कर्मचारी काम कर रहे थे. लेकिन सवाल है कि इन कर्मचारियों को निकाले जाने पर क्या ऑफर दिया जा रहा है? मस्क ने अपने एक ट्वीट में इसका जवाब दिया है.

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मस्क ने छंटनी शुरू होने की खबर आने के बाद कहा कि "ट्विटर का वर्कफोर्स कम करने के संबध में, दुख की बात है कि हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है क्योंकि कंपनी को हर दिन 4 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है. जिनको निकाला गया है, उनको तीन महीनों का सेवरेंस दिया गया है, जोकि कानूनी तौर पर रखी गई सीमा से 50 पर्सेंट ज्यादा है."

सेवरेंस पे उस अमाउंट को कहते हैं जो कंपनी किसी इंप्लॉई का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने से पहले टर्मिनेशन यानी उसके निकाले जाने पर मुआवजा देती है. यानी खुद मस्क की मानें तो ट्विटर से जितने भी इंप्लॉई निकाले जा रहे हैं उन्हें अगले तीन महीनों का मुआवजा दिया जा रहा है.

भारत में ज्यादातर कर्मचारी निकाले गए

शुक्रवार को ट्विटर इंडिया ने भी अपने ज्यादातर कर्मचारियों को निकाल दिया. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने ट्विटर के एक कर्मचारी के हवाले से जानकारी दी कि ट्विटर इंडिया के कई कर्मचारियों को नौकरी से टर्मिनेट करने को लेकर ईमेल भेजा गया था. इस छंटनी से पहले भारत में कंपनी के 200 से अधिक कर्मचारी काम रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, भारत में अलग-अलग वर्टिकल जैसे कि सेल्स एंड मार्केटिंग, इंजीनियरिंग और कम्युनिकेशंस से कर्मचारी निकाले गए हैं, लेकिन इसपर अभी अलग से कोई जानकारी नहीं है कि इन कर्मचारियों को कितना सेवरेंस दिया जा रहा है.

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