रिकॉर्ड गर्मी के लिए हो जाइए तैयार! NOAA के वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी, सक्रिय हो गया है अलनीनो...जानें ये होता क्या है
अल नीनो की घटना हर दो साल से सात साल के बीच होती है. इससे पहले अल नीनो का पैटर्न आखिरी बार साल 2018-19 में देखा गया था. यहा जानिए क्या होता है अल नीनो.
जिस तरह इन दिनों गर्मी पड़ रही है, लोगों को मॉनसून का इंतजार है ताकि थोड़ी राहत मिल सके. लेकिन इसी बीच एक ऐसी खबर आई है जो आपको थोड़ा निराश कर सकती है. यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के वैज्ञानिकों ने गुरुवार को बताया कि अल नीनो सक्रिय हो गया है. इसके कारण इस साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने के आसार हैं.
बता दें कि अल नीनो की घटना हर दो साल से सात साल के बीच होती है. इससे पहले अल नीनो का पैटर्न आखिरी बार साल 2018-19 में देखा गया था. ये एक ऐसी मौसमी घटना है जिसका असर केवल प्रशांत महासागर तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरी दुनिया में महसूस किया जाता है.
क्या होता है अल नीनो
अल नीनो प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र में समुद्री घटनाओं में से एक है. आसान भाषा में समझें तो प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल नीनो कहा जाता है. इसमें समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो बदलाव आते हैं, उसकी वजह से समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री ज्यादा हो जाता है.
कैसे मौसम पर असर डालता है अल नीनो
अल नीनो के कारण प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह तापमान सामान्य से ज्यादा होने के कारण समुद्र में चल रही हवाओं के रास्ते और रफ्तार में परिवर्तन आ जाते हैं. इससे मौसम चक्र प्रभावित होता है और पूरी दुनिया में इसका असर दिखाई देता है. अल नीनो के कारण बारिश, ठंड, गर्मी सब में अंतर आ जाता है. दुनियाभर में तमाम स्थानों पर भारी बारिश, बाढ़ और सूखे जैसी स्थितियां सामने आती हैं. अल नीनो के कारण भारत में भी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने के आसार बताए जा रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो कृषि से जुड़े किसानों के लिए भी बड़ा संकट पैदा हो सकता है.
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