दिल्ली के बाद अब गुरुग्राम में भी स्कूलों की छुट्टी, अगले आदेश तक बंद रहेंगे पांचवीं तक के स्कूल, ऑनलाइन होगी पढ़ाई
दिल्ली एनसीआर में एयर पॉल्यूशन को देखते हुए अगले आदेश तक प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का एलान कर दिया गया है. इसके पहले दिल्ली में भी 10 नवंबर तक प्राइमरी को बंद रखने का आदेश दिया गया है.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बढ़ते प्रदूषण से स्कूली बच्चों को बचाने के लिए गुरुग्राम प्रशासन ने नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक की कक्षाएं निलंबित करने का आदेश दिया है. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपायुक्त (डीसी) निशांत कुमार यादव ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किया. छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने का आदेश दिया गया है. यह आदेश जिले के सभी निजी एवं सरकारी शिक्षण संस्थानों पर सात नवंबर से लागू होगा और अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा. इसके पहले दिल्ली में भी 10 नवंबर तक सभी प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का एलान किया गया है.
दिल्ली NCR में लागू है GRAP 4
यादव ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण स्थिति ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना’ (GRAP 4) के चौथे चरण पर पहुंच गई है. इससे पहले, हरियाणा सरकार ने एनसीआर में जिला उपायुक्तों को अपने जिलों में स्थिति का आकलन करने और स्कूलों को बंद करने पर निर्णय लेने को कहा था.
पिछले कुछ दिनों से गुरुग्राम समेत कुछ जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है. दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह प्रदूषण का स्तर सरकार द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से लगभग सात से आठ गुना अधिक दर्ज किया गया. क्षेत्र के ऊपर जहरीली धुंध लगातार सातवें दिन भी बनी रही.
दिल्ली में गंभीर है एयर क्वालिटी
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में सोमवार को प्रदूषण का स्तर सुरक्षित मानदंड से सात से आठ गुना अधिक दर्ज किया गया और लगातार सातवें दिन क्षेत्र के वातावरण में जहरीली धुंध छाई रही. दिल्ली सरकार ने दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता में और अधिक गिरावट की आशंका को देखते हुए चार साल बाद वाहनों को चलाने की अपनी प्रमुख ‘सम-विषम’ योजना को लागू करने की घोषणा की है.
क्या है AQI का ताजा हाल?
दिल्ली में सोमवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अपराह्न चार बजे 421 दर्ज किया गया, जो कि रविवार को 454 था. पड़ोसी राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब अथवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गयी. गाजियाबाद में एक्यूआई 391, गुरुग्राम में 373, नोएडा में 384, ग्रेटर नोएडा में 420 और फरीदाबाद में यह 412 दर्ज किया गया. श्वसन प्रणाली में गहरे तक जाने में सक्षम और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करने वाले अत्यंत सूक्ष्म कण पीएम 2.5 की सांद्रता पूरे दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर सरकार द्वारा निर्धारित 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की तय सीमा से सात से आठ गुना अधिक है. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सीमा से 30 से 40 गुना अधिक रही.
10 सिगरेट पीने जितना है पॉल्यूशन
दिल्ली-एनसीआर के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, इस क्षेत्र में अगले पांच से छह दिनों तक वायु गुणवत्ता के गंभीर रहने की आशंका है. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर के वरिष्ठ सलाहकार राजेश चावला ने कहा कि दिल्ली की प्रदूषित हवा में सांस लेना एक दिन में लगभग 10 सिगरेट पीने के हानिकारक प्रभावों के बराबर है. चिकित्सक ने कहा कि गंभीर प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से दमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं या बढ़ सकती हैं और इससे हृदय रोग का खतरा भी काफी बढ़ सकता है.