सर्दियों की आहट के साथ ही दिल्‍ली की हवा में जहर घुलना शुरू हो गया है. राजधानी की हवा तेजी से प्रदूषित हो रही है. SAFAR-इंडिया के मुताबिक देश की राजधानी दिल्‍ली में ओवरऑल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 256 है जो कि 'खराब' श्रेणी है. प्रदूषण बढ़ने से आम आदमी के लिए समस्‍या तो बढ़ी ही है, साथ ही अस्‍थमा के मरीजों के लिए खतरा काफी बढ़ गया है. ऐसे में अगर ध्‍यान न रखा जाए तो अस्‍थमा अटैक भी आ सकता है.

इन एलर्जन्स से बढ़ती है समस्या

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इस मामले में सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. निष्ठा सिंह का कहना है कि अस्थमा जिसे दमा के नाम से भी जाना जाता है, सांस से जुड़ी एक बीमारी है. इसमें सांस की नलियों में किसी कारणवश सूजन आ जाती है, जिसके चलते व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है. प्रदूषण, धूल के कण, धुआं, सीलन, धूम्रपान, पालतू जानवर के फर, कफ, जुकाम आदि एलर्जन्स के कारण ये समस्या बढ़ जाती है. ऐसे में सांस नलिकाओं में संकुचन हो जाता है, इसके कारण नली इतनी पतली या कई बार ब्लॉक हो जाती हैं कि मरीज ठीक से सांस नहीं ले पाता. उसे छोटी-छोटी सांसें लेनी पड़ती हैं. पूरी सांस न मिलने के कारण उसका दम घुटने लगता है. इसे ही अस्थमा अटैक कहा जाता है.  

बचाव के लिए बरतें ये सावधानियां

1. घर से बाहर घूमने के लिए निकलने से बचें. यदि निकलना पड़ रहा है तो मास्क का प्रयोग जरूर करें. 

2. अपने घर से जब भी निकलें इन्‍हेलर जरूर पास रखें, ताकि जब भी आपको किसी तरह की परेशानी हो, तो आप उसे कंट्रोल कर पाएं.

3. घर के अंदर और आसपास तुलसी और मनीप्लांट आदि पौधे लगाएं जो वातावरण की शुद्धि का काम करते हैं.

4. शरीर में पानी की कमी न होने दें. पानी खूब पीएं. 

5. मॉर्निंग वॉक से बचें. इसकी बजाय घर में योग और एक्सरसाइज करें.

6. घर के अंदर एयर प्‍योरीफायर लगवाएं और इनडोर प्‍लांट्स रखें जो घर के अंदर की हवा को स्‍वच्‍छ रखें.

6. हरी सब्जियां और फल प्रचुर मात्रा में खाएं, लेकिन इन्हें खाने से पहले अच्छी तरह से धोएं.

7. ऑयली फूड्स, बाहरी फूड्स खाने से परहेज करें. रात में सोने से पहले गुनगुना पानी जरूर पीएं.

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