दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के एक एनालिसिस से पता चला है कि पिछले साल की तुलना में दिवाली पर हवा में प्रदूषक सूक्ष्म कणों (Particulate) की मात्रा में काफी वृद्धि हुई है. इसमें PM2.5 में 45% और PM10 में 33% की वृद्धि हुई है. DPCC की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी के लगभग सभी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों ने पिछले साल की तुलना में इस दिवाली पर प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ दर्ज किया.

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पिछले 2 सालों में पीएम10 सांद्रता

रविवार को शहर की वायु गुणवत्ता में 2022 की तुलना में 2023 में पीएम10 की औसत सांद्रता में 33% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई. इसके विपरीत, 2023 की तुलना में शहर की औसत पीएम10 सांद्रता में 42% की उल्लेखनीय कमी आई. 2021 में देखा गया स्तर. इसी तरह, शहर में पिछले साल की तुलना में 2023 में पीएम2.5 की औसत सांद्रता में 45% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई. इसके विपरीत, 2021 में दर्ज किए गए स्तरों की तुलना में 2023 में शहर की औसत पीएम2.5 सांद्रता में 48% की उल्लेखनीय कमी आई थी.

दिवाली पर बढ़ी पीएम सांद्रता

दिवाली के दिन दिल्ली की 24 घंटे की औसत पीएम10 सांद्रता बढ़कर 430 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई, जो पिछले साल 322 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी. 2021 में यह 748 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था. 24 घंटे की औसत पीएम2.5 सांद्रता 314 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई, जबकि पिछले साल यह 217 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी. 2021 में यह 607 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी गैसीय प्रदूषक यानी अमोनिया, SO2, NO2, CO, O3 और बेंजीन राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) के निर्धारित मानक के भीतर पाए गए. डीपीसीसी डेटा के अनुसार, कुछ अपवादों को छोड़कर, सभी स्थानों पर 2022 की तुलना में 2023 में पीएम10 और पीएम2.5 सांद्रता में वृद्धि देखी गई. 

अगले छह दिनों दिल्ली की हवा होगी जहरीली

DPCC ने आगे भविष्यवाणी की कि हवा की गुणवत्ता और खराब होने की संभावना है और सोमवार को दिन के अंत तक 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच जाएगी. 14 से 15 नवंबर के बीच हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की आशंका है. अगले छह दिनों का परिदृश्य निराशाजनक है और वायु गुणवत्ता 'गंभीर' से 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है.