Cyrus Mistry Death : सिर में हो जाए इंटरनल ब्लीडिंग तो कैसे बचाई जा सकती है जान, जानें क्या हैं Golden Hours ?
सिर में चोट और इंटरनल ब्लीडिंग को साइरस मिस्त्री की डेथ की शुरुआती वजह माना जा रहा है. सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ. राजेश आचार्य से जानिए इस स्थिति में जान बचाने के लिए क्या करना चाहिए.
कार एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और उद्योगपति साइरस पी. मिस्त्री को हादसे के बाद कासा के जिला अस्पताल ले जाया गया था. वहां के डॉक्टरों ने साइरस मिस्त्री के सिर में चोट लगने और इंटरनल ब्लीडिंग को शुरुआती तौर पर डेथ की संभावित वजह माना था. डॉक्टरों के मुताबिक साइरस मिस्त्री अस्पताल में मृत अवस्था में ही लाए गए थे. हालांकि इस मामले में आगे की जानकारी तो पुलिस जांच के बाद पता चल पाएगी.
लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो सिर में अंदरूनी ब्लीडिंग को एमरजेंसी की स्थिति माना जाता है. इस हालात में व्यक्ति को तुरंत इलाज मिल जाए, तो उसकी जान को बचाया जा सकता है. आइए दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोसर्जन और न्यरोसर्जरी विभाग के को-चेयरमैन डॉ. राजेश आचार्य से जानते हैं कि इंटरनल ब्लीडिंग के समय क्या लक्षण सामने आते हैं और उस समय क्या करना चाहिए, जिससे मरीज की जान बचाई जा सके.
इंटरनल ब्लीडिंग के संकेत समझें
डॉ. राजेश आचार्य की मानें तो एक्सीडेंट के समय अगर मरीज बेहोश हो जाता है, उसके कान, नाक या मुंह से ब्लीडिंग होती है या उसे उल्टियां होती हैं, तो समझ लेना चाहिए कि मरीज के सिर में अंदरूनी चोट आई है. ऐसे में मरीज को बगैर देर किए फौरन नजदीकी अस्पताल पहुंचाना चाहिए.
मरीज के लिए क्या है गोल्डन आवर
एमरजेंसी की स्थिति में अक्सर मरीज के लिए गोल्डन आवर की बात की जाती है, लेकिन डॉ. राजेश आचार्य का कहना है कि सिर के अंदर ब्लीडिंग की स्थिति में किसी तरह का गोल्डन आवर नहीं होता. ये स्थिति बेहद गंभीर होती है. इसमें लक्षण दिखते ही तुरंत मरीज को नजदीकी अस्पताल पहुंचाना चाहिए. एक सेकंड की भी देरी न करें. अगर मरीज बेहोश हो गया है, तो उसकी हालत और भी नाजुक होती है. ऐसे में उसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और जितनी जल्दी ऑक्सीजन मिलेगी, उतनी ही जान बचने की संभावना बढ़ जाएगी.
विशेषज्ञ की राय
सिर में ब्लीडिंग होने की समस्या ऐसी है, जिसमें आम आदमी कुछ नहीं कर सकता, सिर्फ विशेषज्ञ ही इस समस्या का इलाज कर सकते हैं. लेकिन एहतियात के तौर पर कुछ काम किए जा सकते हैं जैसे - मरीज को उल्टियां हो रही हों, तो सावधानी से उसे करवट के बल लेटा दें. ब्लीडिंग वाली जगह को साफ कपड़े से कसकर बांधें ताकि खून का बहाव रुक जाए. इसके अलावा घाव को छूने, धोने या किसी अन्य तरह का प्रयोग न करें. तुरंत अस्पताल पहुंचाएं.