Remal Cyclone: चक्रवात ‘रेमल’ भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और इसके रविवार रात तक पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच पहुंचने की संभावना है. मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी. यह मॉनसून से पहले के मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा रविवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन जानकारी के अनुसार, उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर ‘रेमल’ गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और खेपुपारा से लगभग 290 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और सागर द्वीप से 270 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में केंद्रित है. 

किस रफ्तार से चल रहा है रेमल

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IMD ने बताया कि इसके और गंभीर होकर सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती बांग्लादेशी तटों को आधी रात को पार करने का अनुमान है. उसने अनुमान जताया कि इस दौरान 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और उनका वेग 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगा. 

मौसम संबंधी अन्य मॉडल के अनुसार, चक्रवात देर शाम तक तटों पर पहुंच सकता है. मौसम कार्यालय ने पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में रविवार को अत्यधिक भारी वर्षा होने चेतावनी जारी की है. पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी 27-28 मई को अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है. चक्रवात के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने पर 1.5 मीटर तक की तूफानी लहर के कारण निचले इलाकों में पानी भर जाने की आशंका है. 

कई ट्रेनें और फ्लाइट्स हुए कैंसिल

पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे (Eastern and South Eastern Railways) ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पुरबा मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं. कोलकाता हवाईअड्डे के अधिकारियों ने चक्रवात रेमल के संभावित प्रभाव के कारण रविवार को दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान संचालन निलंबित करने का फैसला किया है.

इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मिलाकर 394 उड़ानें प्रभावित होंगी. एहतियाती उपायों में हाई मास्ट लाइटों को कम करना, उपकरणों को सुरक्षित करना और छोटे विमानों को खड़ा करना शामिल है. कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह भी चक्रवात के पूर्वानुमान के जवाब में रविवार शाम से 12 घंटे के लिए कार्गो और कंटेनर हैंडलिंग परिचालन को निलंबित कर देगा.

कौन सी ट्रेनें हैं कैंसिल

एहतियात के तौर पर, पूर्वी रेलवे ने रविवार रात 11 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक सियालदह दक्षिण और बारासात-हसनाबाद खंड में ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोकल ट्रेनें रद्द कर दी गईं. दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी रविवार को कंडारी एक्सप्रेस और रविवार और सोमवार को दीघा से आने-जाने वाली कुछ सेवाएं रद्द कर दी हैं.

मछुआरों के लिए जारी अलर्ट

मौसम कार्यालय ने मछुआरों को सोमवार सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है. पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना तटीय जिलों में 26-27 मई के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है, जहां कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है. 

इसके अलावा कोलकाता, हावड़ा, नादिया और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में 26-27 मई के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है, जहां 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है जिनका वेग 100 किलोमीटर प्रति घंटे रहने का अनुमान है. उत्तरी ओडिशा के बालासोर, भद्रक और केंद्रपाड़ा तटीय जिलों में 26-27 मई को भारी बारिश होगी, जबकि 27 मई को मयूरभंज में भी भारी वर्षा होने की संभावना है. 

बिजली, कम्यूनिकेशन पर होगा असर

IMD ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में बाढ़ आने और कमजोर संरचनाओं, बिजली एवं संचार लाइन, कच्ची सड़कों, फसलों और बगीचों को भारी नुकसान होने की चेतावनी दी है. प्रभावित इलाकों में लोगों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है. चक्रवात से सुंदरबन मैंग्रोव वन के भी प्रभावित होने की आशंका है. 

सुंदरबन दुनिया के सबसे बड़े वनों में से एक है और अपने विविध जीव-जंतुओं के लिए जाना जाता है जिनमें पक्षियों की 260 प्रजातियां, बंगाल टाइगर और एस्टुरीन (खारे पानी के) मगरमच्छ एवं भारतीय अजगर जैसी अन्य संकटग्रस्त प्रजातियां शामिल हैं. पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश की सीमाओं पर 9,630 वर्ग किलोमीटर में फैला सुंदरवन जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र स्तर में वृद्धि, लवणता और भूमि कटाव की वजह से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक है.