Cyclone Biparjoy: आईएमडी का अलर्ट! अगले 24 घंटों में और तेज होने वाला है चक्रवात बिपारजॉय
अगले 24 घंटों में चक्रवात बिपरजॉय तेज होने वाला है. साथ ही इसके उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है. फिर यह बाद के तीन दिनों के दौरान धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चक्रवाती तूफान 'बिपारजॉय' को लेकर अलर्ट जारी किया है. शनिवार को मौसम विभाग की ओर से कहा गया कि अगले 24 घंटों में चक्रवात बिपरजॉय तेज होने वाला है. आईएमडी के अनुसार वीएससीएस 'बिपारजॉय' 10 जून को पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर केंद्रित है. इसके अगले 24 घंटों के दौरान और तेज होने और उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है.
फिलहाल यह गोवा से लगभग 700 किमी पश्चिम में, मुंबई से 630 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में, पोरबंदर से 620 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और कराची से 930 किमी दक्षिण में स्थित है. उन्होंने कहा, इसके और तेज होने और अगले 24 घंटों के दौरान धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है. फिर यह बाद के तीन दिनों के दौरान धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा.
आईएमडी ने भविष्यवाणी की कि 10 जून को सौराष्ट्र और कच्छ के तटों के साथ-साथ 35-45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है. 11 जून को 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़कर 60 किमी प्रति घंटा होने की संभावना है. 12 जून के दौरान 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 65 किमी प्रति घंटे और 13 से 15 जून के दौरान 50-60 किमी प्रति घंटे से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है.
बिपारजॉय से जुड़ी जरूरी बातें
बिपारजॉय के खतरे को देखते हुए गुजरात में मछुआरों को 14 जून तक अरब सागर में न जाने की चेतावनी दी गई है.
चक्रवात से सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्रों में 9 से 11 जून के बीच हल्की बारिश होने की संभावना है. लक्षद्वीप, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों को प्रभाव का सामना करने की संभावना है.
चक्रवात बिपारजॉय का असर कई दक्षिण-पश्चिमी राज्यों में महसूस किया जा सकता है. आईएमडी ने इन क्षेत्रों में हवा की चेतावनी जारी कर चुका है.
आईएमडी ने कर्नाटक के तट पर मछुआरों के लिए भी अलर्ट जारी किया है और खतरनाक मौसम की स्थिति और खराब समुद्र का हवाला देते हुए उन्हें अरब सागर में न जाने के लिए कहा है.
कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है. समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गयी है.