घुमक्‍कड़ी का शौक तमाम लोगों को होता है. कुछ को नेचर से प्‍यार होता है, तो कुछ लोग एडवेंचर्स की तलाश में रहते हैं. अगर आपको भी ऐसी किसी जगह की तलाश है तो आपको एक बार लाहौल स्पीति जरूर जाना चाहिए. यहां पर एक चिचम गांव है जो प्रकृति की गोद में बसा हुआ है. इस गांव तक जाने के लिए आपको चिचम ब्रिज से होकर जाना होता है. चिचम ब्रिज को कुछ सालों पहले ही बनाया गया है. ये ब्रिज एशिया का सबसे ऊंचाई पर बना रोड ब्रिज है. इसकी ऊंचाई इतनी ज्‍यादा है कि बड़े-बड़े हिम्‍मती लोगों के भी इस ब्रिज से गुजरने पर हाथ-पांव फूल जाते हैं.

14000 फीट ऊंचाई पर बना है पुल

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चिचम ब्रिज 14000 फीट ऊंचाई पर बना है. ये पुल 120 मीटर लंबा और 150 मीटर ऊंचा है. इसे बनाने में ही करीब 16 साल का समय लगा. इसके जरिए चिचम गांव को जोड़ा गया है. ऊंचे आसमान को छूते पहाड़ों के बीच बने इस पुल से गुजरना ही अपने आप में एक चैलेंज जैसा है. बड़े बड़े हिम्‍मती लोगों के भी हाथ-पांव फूल जाते हैं. ब्रिज के ऊपर खड़े होकर नीचे देखने पर दिल और दिमाग को हिला देने वाले अनुभव जैसा है. फिर भी यहां आने वाले सैलानियों की कमी नहीं है. बाइकर्स खासतौर पर यहां आते हैं. 

एशिया का सबसे ऊंचा रोड ब्रिज

चिचम ब्रिज पूरे एशिया में सबसे ऊंचाई पर बना रोड ब्रिज है. इससे पहले ये खिताब चीन के पास था क्‍योंकि चीन में सिंधु नदी के ऊपर एशिया के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण किया गया था. लेकिन चिचम ब्रिज बनने के बाद ये खिताब भारत को मिल गया. इस पुल के बनने से लोगों को काफी राहत भी मिली है. अब मनाली आने वाले तमाम सैलानी किबर और चिचम होते हुए क्योटो निकल जाते हैं. इससे समय के साथ-साथ पैसे की भी बचत हो हो जाती है.

एडवेंचर पसंद करने वालों के लिए शानदार जगह

एडवेंचर पसंद करने वाले लोगों के लिए ये जगह बहुत सही है. अगर आप भी घूमने के शौकीन हैं तो एक बार चिचम ब्रिज को देखने जरूर जाएं. स्पीति वैली के चिचम ब्रिज पर लाइन से लगे रंगबिरंगे झंडे जब हवा में उड़ते हैं तो नज़ारा देखने लायक होता है. सैलानी यहां से पुल को पार करने के बाद चंद्रताल झील की ओर बढ़ सकते हैं. ये बेहद खूबसूरत झील है. इसे टूरिस्‍ट और ट्रैकर्स का स्‍वर्ग कहा जाता है.