चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) की लॉन्चिंग को लेकर बड़ा अपडेट आया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग डेट की घोषणा कर दी है. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर में 2:35 बजे  श्रीहरिकोटा से लॉन्‍च किया जाएगा. इससे पहले Chandrayaan-3 की लॉन्चिंग 13 जुलाई को होने के अनुमान लगाए जा रहे थे. लेकिन अब इसरो ने लॉन्चिंग डेट, समय और स्‍थान के बारे में सबकुछ स्‍पष्‍ट कर दिया है.

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इससे पहले 5 जुलाई को भी इसरो की तरफ से चंद्रयान-3 को लेकर होने वाली तैयारियों की जानकारी एक वीडियो के जरिए दी गई थी. इस वीडियो में ये दिखाया गया था कि कैसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में चंद्रयान-3 की इनकैप्सुलेटेड असेंबली को LVM3 के साथ जोड़ा गया है. बता दें कि भारत के लिए ये मिशन बेहद खास है. अगर ये मिशन सफल होता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला भारत (India) चौथा देश बन जाएगा.

क्‍या है चंद्रयान-3 मिशन

चंद्रयान-3 मिशन के तहत ISRO चांद की स्टडी करना चाहता है. भारत ने पहली बार 2008 में चंद्रयान-1 की सफल लॉन्चिग की थी. इसके बाद 2019 में चंद्रयान-2 को लॉन्च किया गया. लेकिन, इसका लैंडर लैंडिंग नहीं कर सका. चंद्रयान-3 एक तरह से कहें तो दूसरे मिशन का ही फॉलोअप है. इस मिशन से देश को काफी उम्‍मीदें हैं. इसकी लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी.

तीन हिस्सों में तैयार किया गया है चंद्रयान-3 

प्रोप्ल्शन मॉड्यूल: अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यान का पहला हिस्‍सा होता है, जिसे प्रोप्‍ल्‍शन मॉड्यूल कहा जाता है. ये किसी भी स्पेस शिप को उड़ान भरने की ताकत देता है. 

लैंडर मॉड्यूल: चंद्रयान-3 का ये दूसरा और महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसे ही चंद्रमा पर उतारा जाएगा. रोवर को चंद्रमा की सतह तक सही तरीके से पहुंचाने की जिम्मेदारी इसी की होती है.

रोवर: चंद्रयान का यह तीसरा हिस्सा है रोवर, जो लैंडर के जरिए चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और फिर मूवमेंट कर जानकारी जुटाकर धरती पर भेजेगा.

 

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