Chandrayaan 3 Landing Live: भारत चांद पर इतिहास रचने के करीब है क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (Chandrayaan-3 LM) बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह को छूने को तैयार है. अगर चंद्रयान आज यह करने में कामयाब रहता है तो भारत ये कारनामा करने वाला विश्व में चौथा देश बन जाएगा. साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव (Moon's south pole) पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा. 

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चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है और इसका उद्देश्य चांद की सतह पर सुरक्षित और आसानी से लैंडिंग करना, चंद्रमा पर घूमना और साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट करना है. विक्रम लैंडर आज शाम को 5:45 के आसपास सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू कर देगा और 6 बजे के आसपास इसकी लैंडिंग होनी है. इसरो ने कहा है कि अगर आज लैंडिंग नहीं हो पाती है तो फिर 27 अगस्त को इसकी कोशिश की जाएगी.

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तुरंत काम नहीं करेगा रोवर

चांद की सतह पर लैंड होने के बाद विक्रम लैंडर से रोवर प्रज्ञान बाहर निकलेगा, जिसके बाद दोनों साथ में एक सेल्फी लेंगे. लेकिन अगर आपको लगता है कि विक्रम के लैंड करते ही प्रज्ञान बाहर निकलकर काम करना शुरू कर देगा तो आप गलत सोच रहे हैं. प्लान के मुताबिक, लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद ये कम से कम चार घंटे चांद की सतह पर स्थिर रहेगा. इसके बाद रोवर इसके कंपार्टमेंट से बाहर निकलेगा और फिर काम करना शुरू करेगा.

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अगले 14 दिन काम करेगा रोवर

रोवर लैंडर से निकलने के बाद अगले 14 दिनों तक चांद की सतह पर काम करेगा. चांद पर धरती के 14 दिन के बराबर एक ही दिन होता है. ऐसे में साउथ पोल पर लैंड करने के बाद लैंडर और रोवर के पास काम खत्म करने के लिए केवल 14 दिनों का समय होता है. इस दौरान चांद पर धूप रहेगी और दोनों को सोलर एनर्जी मिलती रहेगी. दरअसल 14 दिन बाद साउथ पोल पर अंधेरा हो जाएगा. फिर लैंडर-रोवर दोनों ही काम करने बंद कर देंगे.

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