Chandrayaan-3 Landing Live: चंद्रयान-3 की लैंडिंग का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. इसरो के मुताबिक आज शाम 06:04 बजे चंद्रयान चांद के साउथ पोल पर लैंड करेगा. चंद्रयान की सफल लैंडिंग एक इतिहास रचेगी क्‍योंकि इसके बाद भारत साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश होगा. लैंडिंग के बाद चंद्रयान मिशन का असली काम शुरू होगा और इस काम को पूरा करने में रोवर प्रज्ञान की बहुत बड़ी भूमिका होगी. आइए आपको बताते हैं कि प्रज्ञान किस तरह से काम करेगा. 

कैसे और क्‍या काम करेगा प्रज्ञान

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चांद की सतह पर लैंडर विक्रम लैंडिंग के करने के बाद उसके अंदर रखे प्रज्ञान रोवर की बैटरी एक्टिवेट हो जाएगी और उसके सोलर पैनल खुल जाएंगे. इसके बाद रोवर चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा. सतह पर पहुंचने के बाद उसका कैमरा और दूसरे हिस्से एक्टिव हो जाएंगे. इसके बाद रोवर सतह पर आगे बढ़ने लगेगा और वहां डेटा इकट्ठा करने का काम करेगा. रोवर छह पहियों वाला रोबोटिक व्हीकल है, जो चंद्रमा पर चलेगा और तस्वीरें लेगा.

प्रज्ञान एक सेंटीमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चांद की सतह पर चलेगा. इस दौरान कैमरों की मदद से चांद पर मौजूद चीजों की स्कैनिंग करेगा. इस बीच वो चांद के मौसम का हाल जानेगा. इसमें ऐसे पेलोड लगाए गए हैं, जो चांद की सतह के बारे में बेहतरजुटा सकेंगे. रोवर इयॉन्स और इलैक्ट्रॉन्स की मात्रा को भी पता लगाएगा. रोवर और लैंडर चांद पर एक दिन रहेंगे, जो धरती के 14 दिन के बराबर है. इस बीच जुटाई गई हर जानकारी को प्रज्ञान लैंडर विक्रम तक पहुंचाएगा. प्रज्ञान सिर्फ़ लैंडर से संवाद कर सकता है. इसके बाद लैंडर उस डेटा को धरती तक भेजेगा. 

चांद पर भारत के निशां छोड़ेगा प्रज्ञान

भारत ने रोवर प्रज्ञान को कुछ इस तरह से डिजाइन किया है कि ये जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, चांद की सतह पर भारत की मौजूदगी के निशां भी छोड़ेगा. रोवर का पिछला पहिया आगे बढ़ने पर चंद्रमा की सतह पर सारनाथ में अशोक की लाट से लिया गया भारत का राष्ट्रीय चिह्न अंकित करेगा. वहीं दूसरा पहिया इसरो का निशान प्रिंट करेगा. 

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