चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने 14 जुलाई को चांद के सफर पर निकल चुका है. तब से लगातार सोशल मीडिया पर चंद्रयान को लेकर ट्रेंड बना हुआ है. लोगों में ये जानने की उत्‍सुकता है कि भारत का ये स्‍पेसक्राफ्ट कहां तक पहुंचा. इसको लेकर इसरो भी समय-समय पर अपडेट दे रहा है. हाल ही इसरो (ISRO) ने Chandrayaan-3 को लेकर बड़ा अपडेट दिया है और बताया है‍ कि चंद्रयान मिशन (Chandrayaan Mission) फिलहाल शेड्यूल के हिसाब से है. इसरो की तरफ से आज 18 जुलाई को चंद्रयान का तीसरा ऑर्बिट मैन्यूवर किया गया है. चंद्रयान-3 की तीसरी कक्षा को सफलतापूर्वक बदल दिया गया है. कक्षा बढ़ाने के लिए अगली फायरिंग 20 जुलाई को दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच की जाएगी. 

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बता दें चंद्रयान अभी धरती के अंडाकार कक्षा के चक्‍कर लगा रहा है. फिलहाल चंद्रयान धरती तीसरी कक्षा की ओर सफलतापूर्वक बढ़ गया है.अगर सबकुछ इसी तरह से चलता रहा तो चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि को पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा. 5 अगस्‍त को चंद्रमा की ग्रैविटी स्पेसक्राफ्ट को कैप्चर करेगी और ये 23 अगस्त की शाम करीब 5 बजकर 47 मिनट चंद्रमा पर लैंड करेगा.

चंद्रयान-3 का मकसद

चंद्रयान 3 के जरिए भारत चांद की स्‍टडी करना चाहता है. वो चांद से जुड़े तमाम रहस्‍यों से पर्दा हटाएगा. चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा, वहां के वातावरण, खनिज, मिट्टी वगैरह जुड़ी तमाम जानकारियों को जुटाएगा. बता दें 2008 में जब इसरो ने भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, तब इसने चंद्रमा की परिक्रमा की और चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी.

चंद्रयान-3 के मॉड्यूल

चंद्रयान-2 में लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर था. चंद्रयान-3 के लिए ऑर्बिटर नहीं बनाया है. चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर पहले ही ऑर्बिट में मौजूद है. जरूरत पड़ने पर इसी का इस्‍तेमाल किया जाएगा. चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर के बजाय स्वदेशी प्रोप्‍ल्शन मॉड्यूल है. 

प्रोप्ल्शन मॉड्यूल: अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यान का पहला हिस्‍सा होता है, जिसे प्रोप्‍ल्‍शन मॉड्यूल कहा जाता है. ये किसी भी स्पेस शिप को उड़ान भरने की ताकत देता है. 

लैंडर मॉड्यूल: चंद्रयान-3 का ये दूसरा और महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसे ही चंद्रमा पर उतारा जाएगा. रोवर को चंद्रमा की सतह तक सही तरीके से पहुंचाने की जिम्मेदारी इसी की होती है.

रोवर: चंद्रयान का यह तीसरा हिस्सा है रोवर, जो लैंडर के जरिए चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और फिर मूवमेंट कर जानकारी जुटाकर धरती पर भेजेगा.

 

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