Chandrayaan 2 ने खास अंदाज में किया Chandrayaan 3 का वेलकम, चांद पर स्थापित हुआ संपर्क
Chandrayaan 3 Mission: चंद्रयान 3 मिशन सफलता के एक कदम और करीब पहुंच गया है. चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल का चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर के साथ संपर्क स्थापित हो गया है. जानिए क्या किया इसरो ने ट्वीट.
Chandrayaan 3 Mission: चंद्रयान 3 मिशन सफलता के एक कदम और करीब पहुंच गया है. चंद्रयान 3 का चंद्रयान 2 के साथ संपर्क हो गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. इसरो के मुताबिक चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान 3 का स्वागत किया है. ऐसे में दोनों के बीच दो तरफा संवाद स्थापित हो गया है. गौरतलब है कि चंद्रयान 3 बुधवार 23 अगस्त को शाम 06.04 बजे चांद की सतह पर लैंड करेगा.
Chandrayaan 2 ने कहा- 'स्वागत है तुम्हारा दोस्त'
इसरो ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा,'स्वागत है दोस्त' चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल का औपचारिक तौर पर स्वागत किया है. दोनों के बीच दो तरफा संवाद स्थापित हो गया है. अब बेंगलुरु स्थित मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स के पास अब लैंडर मॉड्यूल यानी विक्रम लैंडर के साथ बात करने के कई रूट्स हो गए हैं. लैंडिंग इवेंट का लाइव टेलिकास्ट भारतीय समयानुसार शाम 5.20 बजे से शुरू हो जाएगा.'
Chandrayaan 3 Mission: चांद के सुदूर इलाकों की भेजी थी तस्वीरें
चंद्रयान 3 ने इससे पहले चांद के सुदूर क्षेत्र की तस्वीर भेजी थी. इसरो ने ट्वीट कर ये तस्वीरें शेयर की थी. ये ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्टशन एंड अवॉइडेंस कैमरा’ (एलएचडीएसी) में कैद की गई थी. यह कैमरा लैंडिंग के लिहाज से सुरक्षित उन क्षेत्र की पहचान करने में मदद करता है, जहां बड़े-बड़े पत्थर या गहरी खाइयां नहीं होती हैं.एलएचडीएसी को इसरो के अहमदाबाद स्थित प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र ‘स्पेस ऐप्लीकेशंस सेंटर’ (एसएसी) ने विकसित किया है.'
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Chandrayaan 3 Mission: दक्षिण ध्रुव पर लैंड करेगा चंद्रयान 3
चंद्रयान 3 का मकसद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की उपलब्धि हासिल करना है. चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था. भारत का चंद्रमा में लैंडिंग का ये दूसरा प्रयास है. साल 2019 में भी भारत ने ये कोशिश की थी लेकिन, ये अभियान असफल रहा था. अगर चंद्रयान 3 चांद की सतह पर सफल लैंड करता है तो भारत, अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ (अब रूस) और चीन के बाद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश होगा. इससे पहले रूस का लूनर मिशन लूना 25 असफल रहा है.