IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय मोहपात्रा के अनुसार सीवियर साइक्लोन बिपरजॉय आज गुजरात के तटीय क्षेत्रों में हिट करने वाला है. सबसे ज्यादा असर कच्छ में देखे जाने की संभावना है. इस दौरान कच्छ में भारी बारिश की उम्‍मीद जताई गई है. बारिश कि स्थिति 16 तारीख के शाम तक बनी रह सकती है. बिपरजॉय चक्रवात का आज गुजरात पर लैंड फॉल है. इससे कई क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं. साइक्लोन बिपरजॉय की मॉनिटरिंग के लिए दिल्ली स्थित मौसम विभाग हेडक्वार्टर में वॉर रूम बनाया गया है और रेल मंत्रालय के वॉर रूम से साइक्लोन की निगरानी की जाएगी. यहां जानिए ताजा रिपोर्ट.

इन इलाकों में सुबह से चल रही तेज हवाएं

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भावनगर जिले में दोपहर बाद माहौल में भारी बदलाव देखा जा रहा है. जबकि तटीय इलाकों में चक्रवात बेपोरजॉय का ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. जैसे-जैसे तूफान आगे बढ़ रहा है, हवा की गति में भी बदलाव देखा जा रहा है. इस चक्रवाती तूफान का असर आणंद जिले में भी देखा जा रहा है. यहां तेज हवाएं चल रही हैं, साथ ही समुद्र में तेज करंट भी देखा गया. समुद्र में करंट खंभात के धुवारान के पास देखा गया है.

द्वारका में फंसे श्रद्धालु

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के चलते प्रशासन ने देश भर के श्रद्धालुओं से संकट टालने तक द्वारका नहीं आने की अपील की है. रेलवे ने गुजरात की तरफ़ आने वाली कई ट्रेनो को रद्द कर दिया है. द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम हुई है.  ट्रेन, बस सेवा रद्द होने के चलते देश के अलग अलग शहरों आए तमाम श्रद्धालु द्वारका में फंस गए हैं.

एनडीआरएफ की टीमों को किया गया तैनात

14 जून गुजरात के तटीय जिलों में संभावित चक्रवात बिपोरजॉय को लेकर अलर्ट जारी किया गया है, इससे चक्रवाती तूफान के लिए सिस्टम और अधिक सतर्क हो गया है. सरकार ने एनडीआरएफ की दो टीमों को जामनगर जिले को आवंटित किया है, जिसमें से एक टीम जोडिया में तैनात है और दूसरी टीम जामनगर के ग्रामीण क्षेत्र में बेड पर तैनात है. सरकार द्वारा किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है.

आपात‍ स्थिति से निपटने के लिए ये तैयारियां

तूफान के दौरान किसी भी स्थान पर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी कर ली गई है. बचाव दल के तौर पर 50 प्रशिक्षित कर्मचारियों और 20 प्रशिक्षुओं के साथ, बोट, लाइफ जैकेट, ट्री कटर, स्टील कटर समेत कई उपकरणों की व्‍यवस्‍था की गई है. आंधी के दौरान सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने, भारी बारिश के कारण इमारतों या मलबे में फंसे लोगों को निकालने जैसी स्थितियों से निपटने के लिए बचाव दल के लोगों को तैयार किया गया है.

दिल्ली स्थित मौसम विभाग हेडक्वार्टर में वॉर रूम

साइक्लोन बिपरजॉय की मॉनिटरिंग के लिए दिल्ली स्थित मौसम विभाग हेडक्वार्टर में वॉर रूम बनाया गया है. इस वॉर रूम में पहला हिस्सा सैटेलाइट एप्लीकेशन है, जहां सैटलाइट के जरिए साइक्लोन की Images रिसीव की जाती हैं, दूसरा हिस्सा Observation और Tracking है, जहां सैटेलाइट से प्राप्त फोटोज को वैज्ञानिकों द्वारा ऑब्‍जर्व कर  साइक्लोन के मूवमेंट को ट्रैक किया जाता है. तीसरा हिस्सा Forecast या साइक्लोन वार्निंग सिस्टम है. जहां साइक्लोन को लेकर सभी फोरकास्ट अपडेट किए जाते हैं, चौथा हिस्सा Forecast Dissemination का है जहां से साइक्लोन से जुड़े सारे Forecast का डाटा और बुलेटिन जारी किया जाता है.

रेल मंत्रालय ने की ये तैयारी

रेल मंत्रालय ने गुजरात महाराष्ट्र में साइक्लोन से निपटने के लिए व्यापक तौर पर इंतजार किए हैं, तमाम रेलवे स्टेशनों पर एनीमोमीटर लगाए गए हैं जो हवा की गति माफ कर हर पल जानकारी दे रहे हैं. साथ ही 70 से ज्यादा ट्रेनें रद्द की गई है और हर रेलवे स्टेशन पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं.

अन्‍य जगहों का हाल

  • महाराष्ट्र गुजरात बॉर्डर पर स्थित दहानू के समुद्री तटों पर तूफान की तेज हवाओं का असर साफ देखा जा सकता है. जहां समुद्र किनारे हवा की रफ्तार 40km प्रति घंटे से अधिक चल रही हैं. खतरे को देखते हुए तटों से लोगों को दूर रखा गया है 
  • वहीं गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर इस वक्त ट्रकों का अंबार लगा है, सोमवार से ये पोर्ट्स बंद है, ट्रक ड्राइवर बताते है कि कैसे पिछले 4 से 5 दिन से ये लोग फंसे है। अब खाने पीने की भी दिक्कत हो रही है.
  • ऱांची- झारखंड में विपरजॉय तूफान को लेकर मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया है झारखंड में इसका उतना असर नहीं देखने को मिलेगा.

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