Ayodhya Ram Mandir Inauguration Live Streaming: 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह ( Ram Mandir Pran Pratistha) होने जा रहा है. इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए अयोध्या में कई तरह के इंतजाम किए गए है. इस दिन राम भक्तों का वर्षों का इंतजार खत्म हो जाएगा. अगर आप इस खास कार्यक्रम को देखने अयोध्या नहीं जा पाते हैं तो परेशान होने की जरुरत नहीं है. इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप डीडी न्यूज और दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर किया जाएगा. यहां देख सकते हैं लाइव (Ram Mandir Pran Pratishtha Live Streaming) इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप डीडी न्यूज  (DD News) और कई नेशनल चैनल पर घर बैठे देख सकते हैं. इसके अलावा आप डीडी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर भी इसका लाइव टेलिकास्ट देख सकते हैं. डीडी  न्यूज ने अयोध्या में विभिन्न जगहों पर 40 कैमरे लगाए हैं. जिससे राम मंदिर मंदिर प्राण प्रतिष्ठा ( Ramlala) का लाइव टेल्कास्ट दिखाया जाएगा. समारोह का प्रसारण अत्याधुनिक 4k तकनीक में किया जाएगा.

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कितने बजे होगी प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha Time)

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा  (Ram Mandir Pran Pratishtha) का कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर12 बजकर बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक किया जाएगा.

राम झंडे, बैनर, टोपियां, टी-शर्ट तक की मांग

बता दें 22 जनवरी को देश भर में व्यापार संघों द्वारा लगभग 30,000 कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस दिन श्री राम चौकी, श्री राम रैलियां, श्री राम पद यात्रा जैसे आयोजन किए जाएंगे. ऐसे में इस आयोजन में शामिल होने वाले लोगों के बीच श्री राम झंडे, बैनर, टोपियां, टी-शर्ट और राम मंदिर की छवि वाले  'कुर्ते' की अच्‍छी खासी बिक्री होने की उम्‍मीद है.

कितना बड़ा है राम मंदिर?

राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया जा रहा है. ये मंदिर 3 मंजिल का होगा. मंदिर का परिसर कुल 57 एकड़ का है, जिसमें से 10 एकड़ में मंदिर बनाया गया है. मंदिर की लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट, ऊंचाई 161 फीट है. मंदिर में 5 मंडप, 318 खंभे हैं. एक खंभा 14.6 फीट का है. मंदिर का काम करीब 55% तक पूरा हो चुका है. बाकी का काम साल 2024 के अंत तक पूरा होने की उम्‍मीद है. मंदिर का ग्राउंड फ्लोर यानी गर्भग्रह तैयार हो चुका है. पहली मंजिल भी 80% बन चुकी है.

ये हैं मंदिर की खूबियां

  1. मंदिर को मजबूत बनाने के लिए खास जोर दिया गया है. इसकी नींव 15 फीट गहरी है और फाउंडेशन पूरी तरह स्‍टोन से बना है. मंदिर में लोहे या स्‍टील का इस्‍तेमाल नहीं किया गया है. कहा जा रहा है कि ये मंदिर 1000 सालों से भी ज्‍यादा समय तक सुरक्षित रहेगा.
  2. मंदिर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि रिक्‍टर स्‍केल पर 6.5 की तीव्रता का भूकंप भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा. मंदिर की नींव में सावधानीपूर्वक 47 परतें बिछाई गई हैं. कहा जा रहा है कि नींव के लिए इस्‍तेमाल होने वाली मिट्टी 28 दिनों में पत्‍थर में बदल सकती है.
  3. राम मंदिर में कुल 46 दरवाजे लगेंगे. इनमें से 42 पर 100 किलो सोने की परत चढ़ाई जाएगी. सीढ़ियों के पास 4 दरवाजे लगेंगे जिन पर सोने की परत नहीं होगी. मंदिर के दरवाजों को महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी से बनाया गया है. इन पर हैदराबाद के कारीगरों ने नक्काशी का काम किया है.
  4. मंदिर के निर्माण में 17000 ग्रेनाइट पत्‍थरों के साथ राजस्‍थान के मिर्जापुर और बंसी-पहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्‍थर और नक्‍काशीदार संगमरमर का इस्‍तेमाल किया गया है.
  5. नृत्य मंडप में देवी देवताओं की मूर्तियां, रामायण की चौपाइयां पत्थरों पर बहुत सुंदरता से उकेरी गई हैं. मंदिर को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि जो भी श्रद्धालु आएं, वे कम से कम 1 घंटे तक परिसर में रुकें.
  6. कॉरिडोर का परिक्रमा पथ 12 फीट चौड़ा है. इसकी दीवार को सुरक्षा कारणों से बाहर से काफी मजबूत बनाया गया है, वहीं अंदर से दीवारों पर सनातन धर्म से जुड़ी जानकारी होगी. मंदिर के हर स्‍तंभ पर धर्म के अनुसार चित्रों को उकेरा जाएगा.
  7. मंदिर में राम नवमी के दिन भगवान राम का अभिषेक सूर्य की किरणों से होगा. दोपहर के समय जब सूर्य दक्षिण की ओर होगा, तब मिरर और लेंस से सूर्य को रिफ्लेक्‍ट करवाकर भगवान के ललाट तक ले जाने की योजना है. इस पर आईआईटी रुड़की अभी काम कर रही है.