Asia Power Index 2024: जापान-रूस को पीछे छोड़ भारत बना एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश
Asia Power Index Report 2024 में भारत को सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में तीसरा स्थान दिया गया है. इस रेस में भारत ने जापान को भी पछाड़ दिया है. इससे पता चलता है कि एशिया में भारत की ताकत तेजी से बढ़ रही है.
जापान, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को पीछे छोड़कर भारत एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है. हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट ने 'Asia Power Index Report 2024' जारी की है. एशिया पावर इंडेक्स में कुल 27 देशों को शामिल करके लिस्ट जारी की गई है. किसी देश में संभावित बाहरी खतरों को दूर करने की कितनी क्षमता है, इस आधार पर रिपोर्ट को जारी किया गया है.
इस लिस्ट में लिस्ट में सबसे ऊपर 81.7 के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका पहले स्थान पर है. दूसरे नंबर पर 72.7 अंक के साथ चीन है. वहीं 39.1 पॉइंट के साथ भारत को तीसरा नंबर दिया गया है. इससे पता चलता है कि एशिया में भारत की ताकत तेजी से बढ़ रही है. हालांकि सुपर पावर बनने की रेस में भारत अब भी काफी दूर है. बता दें कि पिछले साल इस इंडेक्स में भारत को चौथे स्थान पर रखा गया था.
जानिए इस लिस्ट के टॉप-10 देश
1- संयुक्त राज्य अमेरिका - 81.7
2- चीन - 72.7
4- भारत - 39.1
4- जापान - 38.9
5- ऑस्ट्रेलिया -31.9
6- रूस -31.1
7- साउथ कोरिया -31.0
8- सिंगापुर - 26.4
9- इंडोनेशिया - 22.3
10- थाईलैंड- 19.8
भारत के शक्तिशाली बनने में ये फैक्टर्स रहे मददगार
1. आर्थिक विकास: भारत ने महामारी के बाद बड़े स्तर पर आर्थिक सुधार प्रदर्शित किए हैं, जिससे इसकी आर्थिक क्षमता में 4.2 अंकों की वृद्धि हुई है. भारत की बड़ी आबादी और मजबूत जीडीपी वृद्धि ने पीपीपी के संदर्भ में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत किया है.
2. भविष्य की संभावना: भारत के भविष्य के संसाधनों के स्कोर में 8.2 अंकों की वृद्धि हुई है, जो संभावित जनसांख्यिकीय लाभांश का संकेत है. अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों विशेष रूप से चीन और जापान के विपरीत, भारत को अपनी युवा आबादी से लाभ मिलता है जो कि आने वाले दशकों में आर्थिक विकास और श्रम बल विस्तार को गति देती रहेगी.
3. कूटनीतिक प्रभाव: भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक मान्यता हासिल की है. भारत की गुटनिरपेक्ष रणनीतिक स्थिति से नई दिल्ली के लिए जटिल अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों में प्रभावी रूप से नौवहन करना संभव हुआ है. 2023 में कूटनीतिक संवादों के मामले में भारत छठे स्थान पर रहा, जिससे बहुपक्षीय मंचों में इसकी सक्रिय भागीदारी का पता चलता है.
इसके अलावा, भारत की बड़ी आबादी और आर्थिक क्षमताएं इसके लिए पर्याप्त संभावनाएं पैदा करती हैं. सांस्कृतिक प्रभाव में भारत का स्कोर भी तुलनात्मक रूप से मजबूत रहा है, जिसे इसके वैश्विक प्रवासी और सांस्कृतिक निर्यात से समर्थन मिल रहा है.