Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा के लिए अब ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी शुरू, दो दिन बाद शुरू होगी यात्रा
जम्मू-कश्मीर में बाबा अमरनाथ की यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है. इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद अब ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी किए जा रहे हैं. यहां जानिए इसका प्रोसेस और अन्य जरूरी जानकारी.
जम्मू-कश्मीर में बाबा अमरनाथ की यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है. इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद अब ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी किए जा रहे हैं. शिव भक्तों को अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस समेत पासपोर्ट साइज की फोटो की जरूरत होगी.साथ ही सभी वर्ग आयु के लोगों के लिए स्वास्थ्य सर्टिफिकेट जमा करना भी अनिवार्य होगा. इन दस्तावेजों के साथ निर्धारित शुल्क जमा कर अमरनाथ यात्री अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
जानिए रजिस्ट्रेशन के लिए क्या करना होगा
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराने से पहले भक्तों को पहले एक टोकन लेना होगा. टोकन जम्मू रेलवे स्टेशन के पास सरस्वती धाम से मिलेगा. यहां पहले मेडिकल जांच होगी. फिट पाए जाने के बाद टोकन दिया जाएगा. टोकन लेने के बाद श्रद्धालुओं को ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए सेंटर पर जाना होगा. आम श्रद्धालुओं के लिए वैष्णी धाम, पंचायम भवन महाजन हॉल जम्मू में रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाये गए हैं. वहीं साधु संतों के लिए राम मंदिर और गीता भवन में रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया गया है.आरएफआईडी और ईकेवाइसी सेंटर रेलवे स्टेशन और बेस कैंप भगवती नगर में बनाए गए हैं.
29 जून से 19 अगस्त तक चलेगी यात्रा
हर साल देश भर से हजारों श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं. इस बार यह यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगी. इसके लिए 28 जून को जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से पहला जत्था कश्मीर घाटी के लिए रवाना होगा. यात्रा के लिए 15 अप्रैल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं. अब ऑफलाइन पंजीकरण भी शुरू हो गए हैं.
यात्रा पर जाने के ये हैं नियम
अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं. यात्रा पर 70 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति और 13 साल से कम उम्र के बच्चों पर रोक है. ऐसा इसलिए क्योंकि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर खतरनाक रास्तों से गुजरना पड़ता है. अमरनाथ यात्रा के लिए स्थानीय प्रशासन सुरक्षा के कड़े इंतजाम करता है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाती है. साथ ही ड्रोन जैसी तकनीक की सहायता से यात्रा के दौरान चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी रखी जाती है.