Air Pollution India: पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण एक बेहद ही गंभीर समस्या है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण से 60 लाख से अधिक मौतें होती है. ऐसे में स्विस फर्म IQAir ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की है. IQAir की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में भारत को दुनिया का आठवां सबसे प्रदूषित देश बताया गया है. बता दें कि पिछले साल भारत इस लिस्ट में पांचवें पायदान पर था. वहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में 39 भारत के और 100 सबसे प्रदूषित देशों में 65 शहर केवल भारत के हैं. हालांकि इस लिस्ट के मुताबिक, दिल्ली अब दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं है. 

ये हैं दुनिया के सबसे प्रदूषित देश

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IQAir की रिपोर्ट के मुताबिक, चाड, इराक और पाकिस्तान दुनिया के टॉप 3 प्रदूषित देश हैं. इसके बाद बहरीन, बांग्लादेश, बुर्किना फासो, कुवैत, भारत, मिस्र और तजाकिस्तान टॉप 10 में शामिल अन्य देश हैं. जबकि ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, ग्रेनाडा, आइसलैंड और न्यूजीलैंड ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) PM25 गाइडलाइंस को पूरा किया. इस रिपोर्ट में 131 देशों का डेटा 30,000 से अधिक ग्राउंड मॉनिटरों से लिया गया था. 

 

ये हैं दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर

रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया का सबसे पॉल्यूटेड शहर पाकिस्तान का लाहौर है. इसके बाद चीन का होटन और राजस्थान का भिवाड़ी आता है. इस लिस्ट में दिल्ली चौथे स्थान पर है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का पीएम 2.5 स्तर सुरक्षित सीमा से लगभग 20 गुना अधिक है. दिल्ली अब तक दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी रही है और रिपोर्ट ने 'ग्रेटर' दिल्ली और नई दिल्ली राजधानी के बीच अंतर किया है. राष्ट्रीय राजधानी के परिधीय क्षेत्र- नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्षों में रिपोर्ट किए गए औसत पीएम25 स्तरों की तुलना में गुरुग्राम में 34 प्रतिशत और फरीदाबाद में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है. दिल्ली में आठ फीसदी की गिरावट देखी गई है.

वायु प्रदूषण से होती हैं ये बीमारियां

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में खराब वायु गुणवत्ता के कारण हर साल 60 लाख से अधिक मौतें होती हैं. रिपोर्ट में कहा गया, कुल आर्थिक लागत 8 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के बराबर है, जो वैश्विक वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के 61 प्रतिशत से अधिक है. वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से स्वास्थ्य बिगड़ता हैं जिनमें अस्थमा, कैंसर, फेफड़ों की बीमारियां, हृदय रोग और समय से पहले मृत्यु दर शामिल हैं, लेकिन यह यहीं तक सीमित नहीं है.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में परिवहन क्षेत्र पीएम2.5 प्रदूषण का 20-35 प्रतिशत का कारण बनता है, जबकि प्रदूषण के अन्य स्रोत औद्योगिक इकाइयां, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र और बायोमास जलाना है.

IQAir की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 10 शहरों और हरियाणा के सात शहरों सहित 31 शहरों में प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट देखी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है, पिछले वर्षों के औसत की तुलना में कुल 38 शहरों और कस्बों में प्रदूषण में वृद्धि देखी गई है.छह मेट्रो शहरों में, कोलकाता को दिल्ली के बाद सबसे प्रदूषित स्थान दिया गया. हालांकि, चेन्नई को डब्ल्यूएचओ के सुरक्षित स्तर से 5 गुना प्रदूषण के साथ सबसे स्वच्छ बताया गया. मेट्रो शहरों हैदराबाद और बेंगलुरु ने 2017 के बाद से प्रदूषण के स्तर में औसत से अधिक वृद्धि देखी है.

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