Aditya L1 Mission Update: देश के पहले सोलर मिशन Aditya L1 मिशन पर केंद्रीय मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने बड़ा अपडेट दिया है. डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का पहला सौर मिशन "आदित्य-एल1" अगले महीने की शुरुआत में, यानी जनवरी 2024 के पहले सप्ताह के करीब अपने गंतव्य 'लैग्रेंज पॉइंट 1' पर पहुंच जाएगा. डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो अगले साल भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' से जुड़े परीक्षणों की एक शृंखला आयोजित करेगा.

Aditya L1 Mission Update: 10 हजार से अधिक लोगों ने देखा था आदित्य L1 का लॉन्च, अंतरिक्ष स्टार्टअप में होगा एक हजार करोड़ रुपए का निवेश

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संसद टीवी को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा,अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के खुलने के साथ देश की आम जनता चंद्रयान-3 और आदित्य जैसे मेगा अंतरिक्ष कार्यक्रमों के प्रक्षेपण को देखने में सक्षम हो सकी है. आदित्य का लॉन्च देखने के लिए 10,000 से अधिक लोग आए थे और चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान लगभग 1,000 मीडियाकर्मी मौजूद थे. भारत ने अप्रैल से दिसंबर, 2023 तक चालू वित्त वर्ष के आखिरी नौ महीनों में अंतरिक्ष स्टार्टअप में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश दर्ज किया है.

Aditya L1 Mission Update: चार साल पहले था केवल एक अंतरिक्ष स्टार्टअप, अब हैं 190 प्राइवेट स्टार्टअप

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, 'चार साल पहले अंतरिक्ष क्षेत्र में सिर्फ एक स्टार्टअप था, वहीं इस क्षेत्र के खुलने के बाद हमारे पास लगभग 190 निजी अंतरिक्ष स्टार्टअप हैं और उनमें से शुरुआती स्टार्टअप तो अब उद्यमी बन गए हैं." डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, हालांकि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम देर से शुरू हुआ, तब जब अंतरिक्ष क्षेत्र के अग्रणी देश चंद्रमा की तरफ दौड़ रहे थे, लेकिन आज दुनिया चंद्रयान-3 की जानकारियों का उत्सुकता से इंतजार कर रही है जो कि चंद्रमा के अनछुए दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरा था. 

 

Aditya L1 Mission Update:  वाशिंगटन यात्रा के दौरान रखा था इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का प्रस्ताव

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान नासा ने एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में भेजने का प्रस्ताव रखा था, जिसके अगले साल साकार होने की संभावना है.भारत बुनियादी ढांचे के विकास, 'स्वामित्व' जीपीएस लैंड-मैपिंग और स्मार्ट सिटी जैसे लगभग सभी क्षेत्रों में स्पेस एप्लीकेशनों का उपयोग कर रहा है. नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) में लगभग 70 प्रतिशत फंडिंग गैर-सरकारी स्रोतों से होगी और ये भारत के एसएंडटी लक्ष्यों में पीपीपी मॉडल का मार्ग प्रशस्त करेगा.