Aditya L1: सोलर मिशन पर गए 'आदित्य' ने रास्ते में ली सेल्फी, ISRO ने शेयर की पृथ्वी और चांद की खूबसूरत तस्वीरें
Aditya-L1 Selfie: भारत के सोलर मिशन पर निकले आदित्य-एल1 ने पृथ्वी और चांद की खुबसूरत तस्वीरें ली हैं.
Aditya-L1 Selfie: भारत के पहले सोलर मिशन पर गए आदित्य-एल1 ने पृथ्वी और चांद की खुबसूरत तस्वीरें ली हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को इसका एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया है. ISRO ने बताया कि सूर्य और पृथ्वी के लैंग्रेज प्वाइंट (Sun-Earth L1) के लिए निकले Aditya L1 ने एक सेल्फी है. इसके साथ ही इसने पृथ्वी और चांद की तस्वीरें भी ली है.
हर रोज 1440 तस्वीरें भेजेगा आदित्य एल1
ISRO ने गुरुवार को देश के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 में लगे कैमरे द्वारा ली गई अंतरिक्ष यान की "सेल्फी" और पृथ्वी तथा चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं. Aditya-L1 द्वारा ली गईं ये पहली तस्वीरें हैं. अपने टार्गेट क्लास में पहुंचने के बाद यह अंतरिक्ष यान जमीन पर स्थित स्टेशन को विश्लेषण के लिए हर रोज 1,440 तस्वीरें भेजेगा.
इस कैमरे से ली सेल्फी
अंतरिक्ष एजेंसी ने 'X' पर एक पोस्ट में कहा, "सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के लिए रवाना हुए आदित्य-एल1 ने सेल्फी ली और पृथ्वी तथा चंद्रमा की तस्वीरें लीं." तस्वीरों में ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (VELC) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर (SUIT) उपकरण दिखाई देते हैं, जैसा कि 4 सितंबर, 2023 को आदित्य-एल1 पर लगे कैमरे द्वारा देखा गया था. इसरो ने कैमरे द्वारा ली गईं पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा कीं.
VELC आदित्य एल1 का प्राथमिक उपकरण है जो बेंगलुरु स्थित भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (IIA) द्वारा बनाया गया है. अंतर-विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी केन्द्र (IUCAA), पुणे ने एसयूआईटी उपकरण का निर्माण किया है. आईआईए के अधिकारियों के अनुसार, वीईएलसी लक्षित कक्षा में पहुंचने पर विश्लेषण के लिए प्रतिदिन 1,440 तस्वीर जमीनी स्टेशन को भेजेगा.
इस मिशन पर निकला आदित्या एल1
ISRO ने दो सितंबर को अपने विश्वसनीय PSLV-C57 रॉकेट के जरिए आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था. आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपने साथ कुल सात उपकरण लेकर गया है, जिनमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन उपकरण प्लाज्मा एवं चुंबकीय क्षेत्र के यथास्थान मापदंडों को मापेंगे.
इस अंतरिक्ष यान को लैग्रेंजियन बिंदु 1 (एल1) पर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर है. यह सूर्य के चारों ओर समान सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य पर नजर रख सकता है.
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