आज 26 मई को पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे हुए हैं. साल 2014 में आज के ही दिन पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार शपथ ली थी. अपने नौ साल के कार्यकाल में पीएम मोदी ने कई ऐसे फैसले लिए जिन्‍होंने लोगों को चौंका दिया. कई कल्‍याणकारी योजनाएं चलाईं जिनका आमजन को खूब फायदा मिला. वहीं कुछ योजनाएं ऐसी भी रहीं, जिन्‍हें शुरू तो पूरे जोर-शोर से किया लेकिन कोई खास कमाल नहीं कर पाईं. आइए आपको बताते हैं इन स्‍कीम्‍स के बारे में.

Skill India 

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पीएम मोदी की योजनाओं की बात करें तो Skill India के तहत प्रधानमंत्री कौशल भारत योजना की शुरुआत मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही की गई थी. ये योजना मोदी के ड्रीम प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा रही है.  इस योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना है जो कम पढ़े-लिखे हैं या बीच में स्कूल छोड़ देते हैं. 15 जुलाई 2015 को हुई इस योजना में 2022 तक भारत के करीब 40 करोड़ लोगों को अलग-अलग कौशल में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन ये योजना अपने लक्ष्‍य तक नहीं पहुंच पाई और फ्लॉप साबित हुई.

Smart City

साल 2014 में बंपर जीत के साथ सत्‍ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार ने 'स्‍मार्ट सिटी मिशन' की शुरुआत की थी. इस मिशन के तहत 100 शहरों को स्‍मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाना था. मोदी सरकार के इस प्रोजेक्‍ट को भी करीब 9 साल हो रहे हैं, लेकिन ये कोई खास कमाल नहीं कर सका और ठंडे बस्‍ते में चला गया. इस तरह ये मिशन भी एक तरह से फ्लॉप साबित हुआ.

Namami Gange

मोदी सरकार का 'नमामि गंगे' भी बहुत महत्‍वपूर्ण प्रोजेक्‍ट माना गया है. गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्‍य से इस योजना की शुरुआत साल 2014 में की गई थी. लेकिन सरकार का ये प्रोजेक्‍ट भी फ्लॉप साबित हो गया.  शुरुआती पांच साल में सरकार ने इस योजना पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्‍य रखा गया था. रकम खर्च भी हुई, लेकिन गंगा का हाल आज भी बेहाल है.

 

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