Kargil Vijay Diwas 2024: भारत और पाकिस्‍तान के बीच अब तक तीन युद्ध हुए हैं, पहला 1965, दूसरा 1971 और तीसरा 1999 में. कारगिल युद्ध (Kargil War) 1999 में हुआ था. ये युद्ध भारतीय जवानों ने करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई और -10 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर लड़ा था. करीब दो महीने तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्‍तानी सेना को खदेड़ कर दुर्गम चोटियों पर तिरंगा फहराया था. 26 जुलाई 1999 को इस युद्ध समाप्‍त हुआ था, इसलिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है. ये दिन भारतीय सेना के पराक्रम को याद करने का दिन है. आज कारगिल विजय दिवस को 25 साल पूरे हो चुके हैं. इस मौके पर आइए आपको बताते हैं इस दिन से जुड़ी वो बातें जो हर भारतीय को मालूम होनी चाहिए.

पाकिस्‍तानी सेना ने चुपके से किया था कब्‍जा

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जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में हर साल भारी बर्फबारी होती है जिसके कारण पाकिस्तान और भारतीय दोनों सेनाएं अपनी पोस्‍ट छोड़कर निचले स्‍थानों में रहने के लिए आ जाती हैं. साल 1999 में भारतीय सेना ने तो ऐसा ही किया, लेकिन पाकिस्‍तानी सेना ने अपनी पोस्‍ट नहीं छोड़ी. भारतीय सेना के न होने का फायदा उठाते हुए पाकिस्‍तानी सेना ने भारतीय चोटियों की तरफ चढ़ाई शुरू कर दी और चुपके से एलओसी पार करके लद्दाख में स्थित कारगिल पर कब्‍जा कर लिया.

चरवाहों ने भारतीय सेना तक पहुंचाई थी खबर

पाकिस्‍तानी सेना कारगिल के कई इलाकों पर कब्‍जा जमा चुकी थी, लेकिन भारतीय सेना को इसकी खबर नहीं थी. चरवाहों ने इसकी सूचना भारतीय सेना तक पहुंचाई थी. लेकिन तब भी भारतीय सेना को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पाकिस्‍तान के सैकड़ों सैनिक कारगिल में पहुंच चुके हैं. 

60 दिनों तक चला युद्ध

इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध की शुरुआत हुई. भारत और पाकिस्‍तान के बीच ये युद्ध करीब 60 दिनों तक चला. इस युद्ध में करीब दो लाख सैनिकों ने हिस्‍सा लिया था. इस युद्ध में भारतीय मिग -21, मिग -27 और मिराज -2000 लड़ाकू विमानों ने रॉकेट और मिसाइल दागे. भारी मात्रा में रॉकेट और बमों का प्रयोग किया गया था.

युद्ध में जबरदस्‍त तरीके से हुआ गोले और बम का इस्‍तेमाल

करीब दो लाख पचास हजार गोले, बम और रॉकेट दागे गए थे. करीब 5 हजार तोपखाने के गोले, मोर्टार बम और रॉकेट 300 बंदूकें, मोर्टार और एमबीआरएल से प्रतिदिन दागे जाते थे. कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह एकमात्र युद्ध था जिसमें दुश्मन सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी. 

भारत का पराक्रम देख घबरा गया था पाकिस्‍तान

भारतीय नौसेना ने तेल और ईंधन की आपूर्ति को रोकने के लिए कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी बंदरगाहों, विशेष रूप से कराची में नाकाबंदी करने के लिए ऑपरेशन तलवार शुरू किया था. उस समय भारत का पराक्रम देखकर पाकिस्‍तान भी घबरा गया था और उसने अमेरिका से हस्‍तक्षेप करने के लिए कहा था. लेकिन अमेरिका के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्‍तान के अनुरोध को अस्‍वीकार कर दिया था. 

26 जुलाई को भारत-पाकिस्‍तान के बीच समझौता

14 जुलाई 1999 को दोनों देशों ने कारगिल पर अपनी कार्यवाही रोक दी थी. इसके बाद 26 जुलाई को भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ था. इसके बाद करगिल युद्ध के विजय की आधिकारिक घोषणा हुई. तब से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.