कहा जाता है कि 'जब जागे तभी सवेरा'. इस कहावत का मतलब है कि जिस दिन भी आपको अपनी गलतियों का अहसास हो गया और आपने गलत चीजों को छोड़कर सही को अपना लिया, उसी दिन से आपकी नई किस्‍मत लिखनी शुरू हो जाएगी और आपकी जिंदगी की तमाम परेशानियां खुद समय के साथ दूर हो जाएंगी. आज के समय में जिस तरह से इंसान शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्‍याएं झेल रहा है, उसके लिए सिर्फ परिस्थितियों को दोष नहीं दिया जा सकता. कहीं न कहीं आपकी कुछ गलत आदतें भी इसकी वजह हैं.

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..तो दोस्‍तों नया साल 2023 आ रहा है. नए साल से नई शुरुआत करने से बेहतर और क्‍या हो सकता है. अपनी उन बुरीआदतों को गुडबाय कहिए और नए साल से उन आदतों को अपनी जिंदगी का हिस्‍सा बनाइए जो आने वाले आपके भविष्‍य को बदल सकती हैं. इस बार न्‍यू ईयर के मौके पर खुद से 4 वादे जरूर कीजिए और उन्‍हें शिद्दत से निभाइए. अगर अब भी आपने ऐसा नहीं किया, तो भविष्‍य में पछताने के अलावा आपके पास कोई रास्‍ता नहीं बचेगा.

खानपान की आदत

आज के समय में कम उम्र में भी लोग बीमार हो रहे हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह गलत खानपान है. बाहरी फूड, जंक फूड और फास्‍ट फूड की हैबिट के चलते शरीर को पोषक तत्‍व नहीं मिलते. मोटापा बढ़ जाता है और इम्‍युनिटी कमजोर हो जाती है. लिहाजा लोग कम उम्र से ही थायरॉइड, बीपी, डायबिटीज जैसी तमाम बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. नए साल पर संकल्‍प लें कि आप इस आदत को सुधारेंगे. बाहरी खानपान की आदत को नियंत्रित करेंगे और हेल्‍दी फूड खाएंगे. अगर आप एकदम से इस आदत को कंट्रोल नहीं कर सकते तो धीरे-धीरे प्रयास करके इसे कम करें. आने वाले समय में आपको इसका फायदा खुद नजर आएगा. 

फिजिकल एक्टिविटी 

सर्दियों में देर तक रजाई में पड़े रहना किसे अच्‍छा नहीं लगता. लेकिन आलस को मात देने का एक सेकंड का आपका डिसीजन आपकी जिंदगी को बदल सकता है. आज के समय में आलस के चलते लोग वर्कआउट नहीं करते. वर्कआउट न करने से शरीर में फैट जमा होता है, मेटाबॉलिज्‍म प्रभावित होता है और शरीर में स्टिफनेस आ जाती है. इसके कारण मोटापा, बीपी, जॉइंट पेन जैसी परेशानियां कम उम्र पर घेर लेती हैं. इसलिए इस न्‍यू ईयर पर खुद से वादा करें कि आप रोजाना कम से कम आधा घंटा वर्कआउट के लिए निकालेंगे. आप चाहें तो आधा घंटे वॉक करें, लेकिन फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें.

पैसों की बचत

अब तक हमने की शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ रहने की बात, लेकिन अब आर्थिक रूप से मजबूत रहने की बात करेंगे. आर्थिक रूप से मजबूत रहने के लिए फिजूल खर्चों पर लगाम लगानी होगी और ज्‍यादा से ज्‍यादा बचत करनी होगी. इसके लिए आप एक बजट बनाएं और उसके हिसाब से अपने खर्चों को मैनेज करें. याद रखिए कि पैसा आपका वो मित्र है, जो ऐसे समय में काम आता है, जब आपके अपने भी साथ छोड़ देते हैं. इसलिए नए साल पर तीसरा संकल्‍प फिजूल खर्च को रोकने और पैसों को बचाने का लें. लेकिन सिर्फ सेविंग ही नहीं करना है, बल्कि इसे निवेश भी करना है. निवेश करने से आपका पैसा भी बढ़ेगा और सेविंग की आदत भी बन जाएगी. 

खुद को समय दें

आज के समय में ज्‍यादातर लोग तनाव में हैं. काम के बोझ और पारिवारिक जिम्‍मेदारियों के बीच इस तरह फंस गए हैं कि खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते. ऐसे में व्यक्ति के अंदर घुटन की स्थिति पैदा होने लगती है. खुद को समय न देना भी तनाव की बहुत बड़ी वजह है और यही तनाव आगे चलकर डिप्रेशन का रूप ले लेता है. इसलिए खुद को मानसिक रूप से फिट रखने के लिए इस नए साल पर चौथा संकल्प लें कि आप 24 घंटों में से थोड़ा समय खुद के लिए जरूर निकालेंगे. अपने रुटीन में थोड़ा समय खुद के लिए सेट करें और इस समय में अपनी पसंद का वो काम करें, जो आपके दिमाग को फ्रेश कर दे. दिमाग दुरुस्‍त रहेगा, तो शरीर भी चुस्‍त रहेगा. 

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